म्यांमार से भारतीय सीमा में दाखिल होनेवालों को शरणार्थियों का दर्जा प्रदान ना करें – ईशान कोण राज्यों को केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश

नई दिल्ली – म्यांमार से भारत में शरणार्थियों की घुसपैठ रोकने के लिए आवश्‍यक कदम उठाने के आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मिज़ोरम, नागालैण्ड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश इन चार राज्यों को और असम रायफल को दिए हैं। साथ ही किसी को भी शरणार्थियों का दर्जा प्रदान ना किया जाए। घुसपैठीयों पर कानूनी कार्रवाई करके उन्हें दोबारा म्यांमार प्रशासन के हाथों में सौंप दें, यह इशारा भी दिया गया है।

म्यांमार में लष्करी विद्रोह होने के बाद भारत में घुसपैठ के लिए म्यांमार में बड़ी संख्या में शरणार्थी तैयार बैठे होने की रपटें प्राप्त हो रही हैं। म्यांमार में वहां के सुरक्षा बल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में कई लोग भारत में पनाह लेने की कोशिश कर रहे हैं। बीते दो हफ्तों के दौरान म्यांमार के करीबन २०० पुलिस अधिकारी और उनके परिवार भारत पहुँचे होने की खबरें प्राप्त हुई हैं। लष्करी हुकूमत में सेवा करने की इच्छा हमें नहीं है, ऐसा इन पुलिसकर्मियों का कहना है। म्यांमार प्रशासन ने सीमा पार करके भारत पहुँचे पुलिस और नागरिकों को हमारे हवाले करें, ऐसी बिनती बीते महीने मिज़ोरम सरकार से की थी। इसके बाद भारतीय सीमा में दाखिल हुए म्यांमार के आठ पुलिसकर्मियों को दोबारा म्यांमार की यंत्रणाओं के हाथों सौंपा गया।

इस पृष्ठभूमि पर केंद्रीय गृहमंत्रालय ने म्यांमार की सीमा से जुड़े ईशान कोण के चारों राज्यों को खत लिखकर म्यांमार से होनेवाली घुसपैठ रोकने के लिए आवश्‍यक ध्यान रखने को कहा है। ईशान कोण भारत के लिए नियुक्त केंद्रीय गृह मंत्रालय के उप-सचिव कृष्णा मोहन उप्पू ने इन राज्यों को केंद्र का खत प्राप्त होने की पुष्टी की है। भारत में म्यांमार से बड़ी संख्या में घुसपैठ होने की संभावना बढ़ी है। इस वजह से इन राज्यों को सतर्क रहने के साथ ज़रूरी कदम उठाने के आदेश दिए गए हैं, ऐसा उप्पू ने कहा।

भारत-म्यांमार सीमा से जुड़े राज्यों ने केंद्र सरकार ने अनुमति देने पर शरणार्थियों को पनाह देने के लिए तैयार होने का बयान किया था। इस वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिए इस खत में इन राज्यों को और केंद्रीय प्रदेशों को शरणार्थियों का दर्जा प्रदान करने का अधिकार ना होने की बात स्पष्ट की है। भारत ने वर्ष १९५१ के यूएन रिफ्युजी कन्वेन्शन और वर्ष १९६७ के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, यह बात भी इस खत में रेखांकीत की गई है। इस वजह से म्यांमार से आ रहे अवैध शरणार्थियों पर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश केंद्र ने दिए हैं।

राज्य सुरक्षा संस्था और गुप्तचर संस्थाओं की सहायता से अवैध शरणार्थियों की पहचान करें और उन्हें तुरंत उनके स्वदेश रवाना करने की कार्रवाई शुरू करें, यह बात भी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट की हैं। इसके लिए वर्ष २०१७ में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अवैध शरणार्थियों को लेकर दिए गए सूचनाओं की भी याद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिलाई है।

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