‘ई-कॉमर्स’ नीति का मसौदा तैयार – ‘डिजिटल’ एकाधिकार तोड़ने के साथ ‘डाटा’ का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए नए नियम होंगे

– ॲमेज़ॉन, वॉलमार्ट जैसी कंपनियों को लगेगा झटका

नई दिल्ली – सरकार ने अपनी नई ‘ई-कॉमर्स’ नीति का मसौदा मंत्रियों के समूह की बैठक में पेश किया। इस मसौदे के अनुसार इस क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं और किसी का भी ‘डिजिटल’ एकाधिकार स्थापित ना हो सके, यह ध्यान रखा गया है। इस मसौदे में ऑनलाईन रिटेलर्स के लिए आचारसंहिता अर्थात ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ तैयार करने का प्रस्ताव है। यह नीति ॲमेज़ॉन, वॉलमार्ट जैसी कंपनियों की विस्तार योजना के लिए बड़ा झटका होने की बात समझी जा रही है।

छोटे व्यापारियों से बड़ी ‘ई-कॉमर्स’ कंपनियों के विरोध में प्राप्त हुई शिकायतें और इन व्यापारियों का हित ध्यान में रखकर ‘ई-कॉमर्स’ नीति का मसौदा तैयार किया गया है, यह दावा किया जा रहा है। इसके अनुसार ‘ई-कॉमसर्ल’ कंपनियों को अलग अलग सामान की कीमतों पर सहुलियत प्रदान करते समय एक पारदर्शी नीति तय करनी होगी। साथ ही ‘ई-रिटेलर्स’ को अपने प्लैटफॉर्म पर बिक्रेता को लेकर भेद नहीं होगा, इस तरह का ‘एल्गोरिदम’ तैयार करना होगा। इस क्षेत्र में सभी लोगों के लिए एक समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही छोटे व्यापारियों को हो रहे नुकसान से संबंधित चुनौतियों का विचार भी नए नियम तय करते समय किया जाएगा।

इसके अलावा ‘डाटा’ का इस्तेमाल करने को लेकर भी सख्त नियम बनाए जाएंगे। ग्राहकों का डाटा बाहर नहीं जा सके, इसका गलत इस्तेमाल ना हो इसके लिए आवश्‍यक सुरक्षा प्रावधान करने पर भी जोर दिया गया है। सरकार निजी डाटा को लेकर नियम तय करने की तैयारी में होने की बात इस नीति में स्पष्ट की गई है। ‘ई-कॉमर्स’ नीति के इस मसौदे के अनुसार जो भी नियम तय किए जाएँगे, उसका उल्लंघन होने पर गंभीरता से देखा जाएगा। उल्लंघन करनेवालों पर बड़े जुर्मानों की कार्रवाई होगी।

भारत में ‘ई-कॉमर्स’ क्षेत्र का विस्तार हो रहा है और इसमें बड़े अवसर उपलब्ध हैं। लेकिन, इसके साथ ही बड़ी चुनौतिया भी हैं और फिलहाल इस क्षेत्र में देखी गई विकृति और त्रुटियां दूर करने पर नई नीति पर जोर दिया जाएगा। यह नौं पन्ने का मसौदा अलग अलग मंत्रालयों के साथ बातचीत करके तैयार किया गया है। इसके लिए शनिवार के दिन वाणिज्य मंत्रालय के ‘डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री ऐण्ड इंटरनल ट्रेड’ (डीपीआयआयटी) की बैठक का आयोजन हुआ।

इससे पहले देश के छह करोड़ व्यापारियों की संगठन ‘कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ (कैट) ने ‘ई-कॉमर्स’ कंपनियाँ ‘फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट’ (फेमा) और ‘एफडीआय’ के नियमों के उल्लंघन में शामिल होने का आरोप किया था। इस मसले पर एवं इस क्षेत्र में सीधे विदेशी निवेश यानी ‘एफडीआय’ के मुद्दे पर सरकार अलग अलग व्यापारी संगठन, उद्योग संगठनों से बातचीत करेगी, ऐसा वृत्त है। १७ मार्च, १९ मार्च और २२ मार्च के दिन इससे संबंधित बैठक का आयोजन होगा।

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