प्रधानमंत्री मोदी भूटान की यात्रा पर

थिम्पू – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा शुरू हुई है| दो दिन की इस यात्रा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार के दिन भूटान पहुंचते ही दोनों देशों ने दस समझौते किए| इन समझौतों में अतंरिक्ष संशोधन, हवाई क्षेत्र, आईटी, उर्जा और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग बढाने के लिए समझौतों का समावेश है| साथ ही भूटान में भारत का ‘रुपे कार्ड’ से व्यवहार करने की शुरूआत की गई है| इससे दोनों देशों के पर्यटन क्षेत्र को लाभ होगा, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त किया|

भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग के साथ संयुक्त वार्तापरिषद में बोलते समय प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी दुसरी टर्म में हम पहली बार भूटान की यात्रा कर रहे है यह कहकर संतोष व्यक्त किया| साथ ही भूटान के प्रधानमंत्री के साथ हुई बातचीत के दौरान दोनों देशों के सहयोग के लिए काफी बडा अवसर है, इस मुद्दे पर सहमति होने की बात प्रधानमंत्री मोदी ने कही| अगले दौर में दोनों देश सहयोग के नए पर्व में प्रवेश करेंगे, यह ऐलान इस दौरान प्रधानमंत्री ने किया|

भारत और भूटान को एक समान अध्यात्मिक धरोहर प्राप्त हुई है| दोनों देशों की जनता में बनी सौहार्दता की वजह से दोनों देशों के संबंध और भी मजबूत हुए है, यह कहकर प्रधानमंत्री ने भूटान में रुपे कार्ड का उपयोग शुरू होने के मुद्दे पर संतोष व्यक्त किया| इस से भारत और भूटान में पर्यटन एवं व्यापार बडी मात्रा में बढेगा, यह विश्‍वास इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किया|

इस दौरान भारत और भूटान के संबंधों की अहमियत चीन ने वर्ष २०१७ में ‘डोकलाम’ में की हुई घुसपैठ के बाद काफी तादाद में बढी थी| भारत के पडोसी होनेवाले भूटान की सीमा पर चीन की सेना ने निर्माण कार्य शुरू करके भूटान के साथ भारत की सुरक्षा के लिए भी चुनौती दी थी| इस दौरान भारतीय सैनिकों ने चीन के सैनिकों को रोककर यह काम बंद करवाया था| इसके बाद दोनों देशों के सैनिक लंबे समय तक एक दुसरे के सामने खडे हुए थे| ऐसे में चीन ने युद्ध करने की धमकिया देने के बावजूद भारतीय सेना वहां से पीछे नही हटाई गई थी| आखिरकार बातचीत के जरिए इस समस्या का हल निकाला गया| लेकिन, भूटान के पक्ष में भारत किसी भी प्रकार की भूमिका तय नही कर सकता, चीन को सीधे भूटान से ही संबंध स्थापित करने है, इस भूमिका पर चीन डटकर रहा था|

लेकिन, भूटान ने और भारत ने भी इसपर इन्कार किया था| इस वजह से भारत और भूटान के संबंध दोनों देशों की सुरक्षा के नजरिए से काफी अहम बने है| ऐसे में भारतीय नेता भूटान को खास अहमियत दे रहे है| कुछ दिन पहले विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने भूटान की यात्रा की थी|

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