अमरीका के नए अफ़गानिस्तान नीती का भारत से स्वागत

वॉशिंगटन: पाकिस्तान यह आतंकियों का ‘सुरक्षित स्वर्ग’ है ऐसा कहते उसके विरोध में पाकिस्तान को कड़े बोल सुनाने वाले अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के नए अफ़ग़ानिस्तान विषयक नीति का भारत ने स्वागत किया है। पाकिस्तान से अफ़ग़ानिस्तान की सीमा भाग में किए जाने वाले आतंकी कार्यवाहियों की वजह से भारत भी चिंतित होने की बात अमरीका में स्थित भारत के राजदूत नवतेज सरना ने कही है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के नए नीति के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान में भारत का योगदान बढ़ाने का मुद्दा होकर इस पर पाकिस्तान ने अमरीका का निषेध किया है, इस पृष्ठभूमि पर भारत ने ट्रम्प की नीतियों को समर्थन देना ध्यान केंद्रित कर रहा है।

भारत ने स्वागत किया

‘ईस्ट वेस्ट सेंटर’ इस अमरीका के प्रख्यात अभ्यास गट ने आयोजित किए कार्यक्रम में बोलते समय राजदूत नवतेज सरना ने भारत की भूमिका स्पष्ट की है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के कहने के अनुसार पाकिस्तान यह आतंकियों का ‘सुरक्षित स्वर्ग’ है ऐसा सरना ने बात पर जोर देकर कहा है। साथ ही पाकिस्तान के सीमा भाग से यह आतंकी अफ़ग़ानिस्तान की सीमा में प्रवेश करके वहां, खून खराबा करते हैं। जिस पर भारत को भी अमरीका के जैसी ही चिंता लगने की बात राजदूत सरना ने स्पष्ट की है। इस वर्ष के जून महीने में भारत के प्रधानमंत्री अमरीका के दौरे पर आए थे। उस समय प्रधानमंत्री मोदी एवं राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अफ़ग़ानिस्तान के आतंकवाद के विरोध में अत्यंत कठोर भूमिका ली है, जिसकी याद उस समय सरना ने कराई है। इस द्वारा भारत और अमरीका का अफ़ग़ानिस्तान के हित संबंध में एकमत होने की बात सरना ने कहते हुए पाकिस्तान के हित संबंध के विरोध में खड़े होने वाले देश होने का संदेश दिया है।

दौरान, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पाकिस्तान को आतंकवाद के विषय पर कड़े बोल सुनाने पर पाकिस्तान से तीव्र प्रतिक्रिया आयी है। पाकिस्तान ने ट्रम्प का निषेध जताते हुए पाकिस्तानी संसद में अमरीका के विरोध में प्रस्ताव मंजूर किया है। इस प्रस्ताव की भाषा तीव्र होकर अमरीका जैसी महासत्ता को चुनौती देते समय पाकिस्तान के संसद में इसपर सोचना आवश्यक है, ऐसा स्पष्ट मत इस देश के विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं। पाकिस्तान के कुछ नेता आगे चलते हमें अमरिकी अर्थ सहायता की जरूरत नहीं ऐसे लगातार कह रहे हैं।

पर पाकिस्तान की तिजोरी खाली रहते उनपर कर्जों का बोझ है। जिसकी वजह से पाकिस्तानी नेताओं की यह उद्दंडता देश को गड्ढे में डाल देगी ऐसा समंजस विश्लेषकों का कहना है। पर सस्ती राजनीति करने वाले पाकिस्तान के नेता इसका विचार करने के लिए तैयार नहीं, ऐसी खेद विश्लेषक कर रहे हैं।

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प एवं अमरीका के अफ़ग़ानिस्तान के लष्कर प्रमुख जनरल जॉन निकोल्सन ने पाकिस्तान पर आतंकवाद के गंभीर आरोप करने के बाद अमरीका ने पाकिस्तान के सामने मदद का हाथ आगे किया था। अगर पाकिस्तान ने आतंकियों पर कार्रवाई की तो इस देश को २२५ दश लक्ष डॉलर्स इतनी अर्थ सहायता देने के लिए अमरीका तैयार होने की घोषणा की थी। पर फिलहाल पाकिस्तान में अमरीका विरोधी वातावरण देखते पाकिस्तान यह प्रस्ताव नहीं स्वीकारेगा ऐसा दिखाई दे रहा है।

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