शस्त्र सहायता के साथ ही ‘इंडो-पैसिफिक’ में प्रभाव बढाने वाले समझौते पर तैवान के हस्ताक्षर

Third World Warवॉशिंगटन: तैवान को अमरिका से हो रही हथियारों की आपुर्ति बरकरार रखने के साथ, अमरिका का ‘इंडो पैसिफिक’ क्षेत्र में प्रभाव और भी पुख्ता करने वाले नए समझौते पर राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने हस्ताक्षर किए| इस समझौते में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने तैवान को आत्मसुरक्षा के लिए जरूरी हथियार बिक्री शुरू रखने, जैसे अहम मुद्दों का समावेश है| तैवान को की जानेवाली हथियारों की बिक्री, चीन-अमरिका संबंधों में विवाद का मुद्दा बना है, इसके बावजुद इस संबंधी समझौते पर ट्रम्प के हस्ताक्षर होने से चीन की इस पर कडी प्रतिक्रिया आने की संभावना है|

पिछले वर्ष मार्च महीने में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने ‘तैवान ट्रैव्हल एक्ट’ पर हस्ताक्षर किए थे| उसमें अमरिका की अधिकारी और नेता अपने समकक्ष तैवानी अधिकारी एवं नेताओं की भेंट कर सकते है, इस स्वरूप का प्रावधान किया गया है| यह कानून ट्रम्प इनकी आक्रामक नीति का हिस्सा माना जाता था| इस कानून के बाद सितंबर महीने में अमरिका ने तैवान को लगभग ३३ करोड डॉलर्स के हथियार बेचने का प्रस्ताव भी मंजूर किया था|

शस्त्र सहायता, साथ, इंडो-पैसिफिक, प्रभाव, बढाने वाले, समझौते, तैवान, हस्ताक्षर१९७९ में अमरिका ने चीन को मान्यता देकर तैवान चीन का ही हिस्सा है, इस बात का स्वीकार किया था| इस वजह से तैवान के साथ अमरिका ने स्वतंत्र संबंध स्थापित नही किए थे| यह होते हुए भी तैवान को चीन से सुरक्षित रखने के लिए अमरिका ने लगातार तैवान को जरूरी सहायता की है| लेकिन चीन ने तैवान यह अपना ही क्षेत्र है और इस बारे में किसी भी स्वरूप का समझौता मुमकिन नही, यह भुमिका चीन ने कायम रखी है|

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने सत्ता पर आने के साथ ही चीन की नीति और गतिविधियों को सीधे चुनौती दी है और ‘साऊथ चाइना सी’ के साथ संपूर्ण ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में अमरिका का प्रभाव बढाने के लिए कोशिश शुरू की है| इसके लिए ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत की सहायता से एक गुट की स्थापना की गई है और चीन को रोकना यही इस गुट का उद्देश्य माना जाता है| तैवान को लगातार रक्षा सहयोग और हथियारों की आपुर्ति जारी रखना यह भी इसी उद्देश्य का अहम हिस्सा माना जाता है|

सोमवार के दिन ट्रम्प इन्होंने स्वाक्षरी किए हुए ‘एशिया रिएश्युरन्स इनिशिएटिव्ह एक्ट’ (एरिआ) में तैवान के लिए ‘सेक्शन २०९’ के तहेत स्वतंत्र प्रावधान है| इस में हथियारों की बिक्री के साथ ही ‘तैवान ट्रैव्हल एक्ट’ का भी समावेश है| साथ ही चीन और तैवान के बीच शांति से हल निकाल ने के लिए अमरिका बद्ध है, यह भी दर्ज किया गया है| चीन का ‘इंडो-पैसिफिक’ में बढता प्रभाव रोकने के लिए कोशिश करने के साथ ही इस क्षेत्र में अमरिका का नेतृत्व और भी मजबूत करना, यह इस कानून का मुख्य उद्देश्य है, यहा माना जा रहा है|

पिछले वर्ष में अमरिका ने तैवान को बडी मात्रा में लष्करी सहायता की है और विध्वंसक एवं हेलिकॉप्टर्स देने की तैयारी भी दिखाई थी| ट्रम्प इन्होंने ‘एरिआ’ पर हस्ताक्षर करने से इस पर मुहर लगी है, यह माना जाता है| चीन से लगातार प्राप्त हो रही धमकीयों के बाद भी ट्रम्प इन्होंने तैवान के साथ शस्त्रबिक्री और सुरक्षा सहयोग बरकरार रखने से इस मुद्दे पर चीन की कडी प्रतिक्रिया प्राप्त हो सकती है|

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