ताइवान का दौरा करके पलाऊ के राष्ट्राध्यक्ष का चीन के दबावतंत्र को ज़ोरदार प्रत्युत्तर

तैपेई – पलाऊ ताइवान के साथ संबंध तोड़ दें, इसलिए चीन द्वारा ‘कॅरट ऍण्ड स्टिक पॉलिसी’ अर्थात् ‘दाम और दंड’ इस नीति का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन चीन के इस दबाव के बावजूद भी पलाऊ ताइवान के साथ संबंध कभी भी नहीं तोड़ेगा, ऐसा यकीन पलाऊ के राष्ट्राध्यक्ष सुरंगेल व्हिप्स ने दिलाया। राष्ट्राध्यक्ष व्हिप्स पलाऊ के प्रतिनिधिमंडल समेत ताइवान के दौरे पर हैं। इस दौरे में, पलाऊ में नियुक्त अमरिकी राजदूत भी प्रतिनिधिमंडल समेत ताइवान के दौरे पर हैं। पलाऊ के राष्ट्राध्यक्ष का ताइवान दौरा और उसमें अमरिकी राजदूत का समावेश ये बातें चीन की विस्तारवादी नीति को लगाई फटकार मानी जाती हैं।

china-taiwan-palauऑस्ट्रेलिया से नजदीक होने वाला छोटा द्वीप देश ऐसी पलाऊ की पहचान है। इस देश की आबादी महज़ २१ हज़ार ६०० इतनी है । इस छोटे देश ने भी, चीन अपने सार्वभौम अधिकारों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता, इसका एहसास चीन को करा दिया है। ताइवान से सहयोग स्थापित करनेवाले देशों को चीन का प्रखर विरोध सहन करना पड़ेगा, ऐसी धमकियाँ चीन द्वारा दीं जातीं हैं। पिछले साल चीन ने, ताइवान के साथ सहयोग स्थापित करनेवाले सॉलोमन आयलँड और किरीबाती इन देशों पर दबाव डालकर उन्हें अपने गुट में कर लिया था।

ऐसी ही कोशिश चीन ने छोटा द्वीप देश होनेवाले पलाऊ के साथ भी की। लेकिन पलाऊ ने चीन के दबाव को ठुकराकर, ताइवान को स्वतंत्र देश का दर्जा देने की भूमिका कायम रखी थी। पलाऊ के राष्ट्राध्यक्ष सुरंगेल व्हिप्स का ताइवान दौरा और उस दौरान दिलाया यकीन यही दर्शाता है कि यह भूमिका अभी भी कायम है। राष्ट्राध्यक्ष व्हिप्स ने ताइवान दौरे में, चीन ने पलाऊ जैसे छोटे देश पर किस तरह दबाव लाने की कोशिश की इसकी जानकारी दी।

‘पलाऊ की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है, इसका एहसास होनेवाले चीन ने शुरू शुरू में बड़े पैमाने पर अपने नागरिकों को बतौर पर्यटक पलाऊ में भेजा। सन २०१० के बाद कुछ साल पलाऊ में आनेवाले पर्यटकों में से लगभग ५० प्रतिशत पर्यटक चीनी थे। इसका बड़ा फायदा पलाऊ की अर्थव्यवस्था को हुआ। लेकिन उसके बाद चीन ने पलाऊ के पर्यटन पर प्रतिबंध लगाया और दबाव लाने की शुरुआत की’, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष व्हिप्स ने चीन का दबाव तंत्र उजागर किया।

china-taiwan-palauचीन की इस ‘कॅरट ऍण्ड स्टिक पॉलिसी’ का उल्टा परिणाम हुआ, ऐसा पलाऊ के राष्ट्राध्यक्ष ने बताया। ‘गाजर दिखाकर लोगों के मत बदले जा सकते हैं। लेकिन गाजर देने के बाद, किसी व्यक्ति से बात ना करें अथवा उससे ना मिलें, इस प्रकार दबाव न डाला जायें। पलाऊ दूसरों से दोस्ती ना करें, यह किसी और ने बताया हम बर्दाश्त नहीं कर सकते’, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष व्हिप्स ने यह स्पष्ट किया कि वे ताइवान के साथ संबंध नहीं तोड़ेंगे।

पलाऊच्या राष्ट्राध्यक्ष के ताइवान दौरे में अमरिकी राजदूत का समावेश गौरतलब साबित हुआ है। अमरीका के राजदूत हेनेसी नायलॅण्ड ने पलाऊ के राष्ट्राध्यक्ष के साथ ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वु से भेंट की। अमरीका के राजदूत ने अधिकृत स्तर पर ताइवान की भेंट करना, यह पिछले ४२ सालों में पहली ही बार घटित हुआ है। अमरिकी राजदूत की इस भेंट पर चीन से तीव्र प्रतिक्रिया आई होकर, अमरीका ताइवान को गलत संदेश ना दें, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय ने जताया है। पलाऊ के राष्ट्राध्यक्ष के तैवान में रहते हुए, चीन के लड़ाकू विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैठ करने की बात सामने आई है।

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