चीन के साथ सहयोग का पाकिस्तान को दारुण पश्चाताप होगा – पेंटॅगॉन के पूर्व अधिकारी की चेतावनी

वॉशिंग्टन – पाकिस्तान चीन की ओर अपने मित्रदेश के रूप में देखता है। लेकिन चीन पाकिस्तान को अपना उपनिवेश मानता है। इस उपनिवेश में चाहे कितने भी लोगों की जान भी क्यों न चली जायें, चीन को उसकी परवाह नहीं है। पाकिस्तान भी चीन को खुश करने के लिए अपनी जनता की बलि चढ़ाने के लिए तियार है। भारत और अमरीका के बीच सहयोग बढ़ रहा है कि तभी पाकिस्तान चीन के साथ मोरचा बनाकर उसका जवाब देने की कोशिश कर रहा है। लेकिन चीन के साथ का यह सहयोग पाकिस्तान पर पछतावा करने की नौबत लाये बग़ैर नहीं रहेगा’, ऐसे सुस्पष्ट शब्दों में पेंटॅगॉन के पूर्व अधिकारी डॉक्टर मायकल रुबिन ने पाकिस्तान को भयंकर वास्तव का एहसास करा दिया है।

अमरीका में एक द्विमासिक पत्रिका में लिखे अध्ययनपूर्ण आर्टिकल के द्वारा डॉक्टर मायकल रुबिन ने पाकिस्तान के बुद्धिमानों, विश्लेषकों और पत्रकारों की नींद उड़ा देनेवाले मुद्दे बहुत ही स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किये हैं। आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन ने, पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद तथा पाकिस्तान की अन्य खुराफ़ातों को भी अनदेखा किया है। इस कारण इस भ्रम में पाकिस्तान ना रहें कि चीन ने हमारा समर्थन किया और मित्रता का पालन किया। क्योंकि चीन पाकिस्तान की ओर मतलबी नज़र से देख रहा है। पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के ज़रिये पश्चिम एशिया के साथ व्यापार करने के लिए चीन ये क्रियाकलाप कर रहा है, इसपर रुबिन ने ग़ौर फ़रमाया।

‘जो देश, केवल इस्लामधर्मीय हैं इसलिए दस लाख लोगों को जेल भेज सकता है, वह देश ज़रूरत पड़ने पर पाकिस्तानियों की बलि चढ़ाने में और उनके साथ तिनके समान बर्ताव करने में कतई नहीं हिचजिचायेगा। आज शायद पकिस्तानियों को इसका अंदज़ा नहीं होगा। लेकिन जल्द ही पाकिस्तान को इसका एहसास होगा। चीन के साथ उन्होंने किया हुआ सहयोग यानी शैतान के साथ किया करार साबित होगा और इससे कुछ भी हाथ में नहीं आयेगा, उल्टे पाकिस्तान पर दारुण पश्चाताप की नौबत आयेगी’, ऐसी चेतावनी रुबिन ने दी।

सीपीईसी’ यह पाकिस्तान के लिए बड़ा संकट साबित होगा। इस परियोजना के कारण पाकिस्तान में बड़ी जीवितहानी होगी। छुट्टी पर गये हज़ारो चिनी मज़दूर सीपीईसी परियोजना पर काम करने के लिए पुन: पाकिस्तान में लौट रहे हैं। चीन ने न तो उनकी वैद्यकीय जाँच की है और ना ही उन्हें क्वारंटाईन किया है। इन चिनी मज़दूरों के कारण पाकिस्तान में कोरोना का विस्फोट होगा और पाकिस्तान को भयंकर जीवितहानी का सामना करना पड़ेगा, जिसका ज़िम्मेदार चीन होगा”, ऐसा इशारा रुबिन ने दिया।

इस प्रकार, ‘सीपीईसी’ परियोजना के लिए पाकिस्तान ने खुद को चीन का उपनिवेश बना लिया है। चीन चाहे पाकिस्तान में कुछ भी क्यों ना करें, पाकिस्तान का नेतृत्व उसके ख़िलाफ़ एक लफ़्ज़ तक नहीं निकाल सकेगा, वैसी स्वीकृति पाकिस्तान ने दी है। इस कारण, अपने इस उपनिवेश में चाहे कितने भी लोगों की मृत्यु क्यों ना हो जायें, चीन को उसकी अंशमात्र भी फ़िक्र नहीं होगी, ऐसे तीखे शब्दों में पाकिस्तान की चीनपरस्त नीति की रुबिन ने ख़बर ली है।

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