पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को हार होने का विश्वास – विदेशी समाचार चैनलों के समक्ष कबूल किया

इस्लामाबाद: शुक्रवार के दिन पीओके के मुझफ्फराबाद की सभा में बोलते समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जनता को विदेशी समाचार चैनलों को दी उनकी मुलाकात देखने का निवेदन किया था| इन मुलाकातों में बडा दम है और भारत को झटका देनेवाली होने के संकेत देने की कोशिश प्रधानमंत्री इम्रान खान कर रहे थे| लेकिन, असलियत में इस मुलाकात से पाकिस्तान ने अपनी हार युद्ध शुरू होने से पहले ही स्वीकारी है, यह स्पष्ट हुआ| इसका दाखिला देकर भारतीय माध्यम इम्रान खान का मजाक उडा रहे है| पाकिस्तान के माध्यमों के लिए भी अपने प्रधानमंत्री का बचाव करना कठिन हुआ है|

कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान का युद्ध हो सकता है| दोनों देशों में परंपरागत युद्ध शुरू हुआ तो भारत के सामने पाकिस्तान सेना नही टिक सकेगी और इससे पाकिस्तान परमाणु हथियारों का प्रयोग करने के लिए विवश होगा| इससे परमाणु युद्ध शुरू होने की कडी संभावना होने का दावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात के दौरान किया| पाकिस्तान की जनता साहसी है और आखिर तक युद्ध करेगी, यह विश्‍वास इस दौरान इम्रान खान ने दिलाने की कोशिश की| लेकिन, इस युद्ध का अंत पाकिस्तान की हार में ही होगा, यह बात उन्होंने अनजाने में स्वीकारी है, इस ओर भारतीय माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे है|

इतना ही नही, भारत के सामने पीछे हटने पर विवश होने पर पाकिस्तान परमाणु हथियारों का विकल्प स्वीकार करेगा और इससे परमाणु युद्ध शुरू होगा, यह कहकर इम्रान खान ने यह युद्ध रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय कोशिश करें और कश्मीर के मुद्दे का हल निकालें, यह गुजारिश की है| यह करते समय हम पाकिस्तान की कमजोरी दुनिया के सामने घोषित कर रहे, यह होश भी इम्रान खान को नही रहा| इसके पहले भारत के सेनाप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने परमाणु युद्ध की भाषा करके पाकिस्तान ने हम भारत के सामने खडे नही रह सकेंगे, यह पहले ही स्वीकारा है, इस पर ध्यान आकर्षित किया था| इसके बाद इम्रान खान ने इसी बात का खुले आम स्वीकार किया है, यह बात ध्यान आकर्षित कर रही है|

जम्मू-कश्मीर संबंधी भारत ने किए निर्णय के बाद पाकिस्तान की सरकार को क्या करना है, यही बात समझ के बाहर हुई है| इसी लिए एक ओर कश्मीर के लिए जिहाद के नारे देकर अपनी जनता को भारत के विरोध में हिंसा करने के लिए उकसाने की कोशिश इम्रान खान की सरकार कर रही है| साथ ही इस्लामी देश कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करें, यह निवेदन इम्रान खान कर रहे है| इसी बीच जम्मू-कश्मीर में भारत मानव अधिकारों का हनन कर रहा है, यह आरोप करके इम्रान खान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने कश्मीर का मुद्दा मानव अधिकारों के हनन का मुद्दा होने का दावा कर रहे है|

इस वजह से कश्मीर के मुद्दे पर भारत के विरोध में कौन सी निती अपनानी है, इस बारे में इम्रान खान की सरकार स्पष्ट नही है, इस बात पर पाकिस्तान के ही विश्‍लेषक ही ध्यान आकर्षित कर रहे है| इसके अलावा पाकिस्तान की सरकार ने भारत पर राजनयिक जीत प्राप्त करने के दावे करके अपनी हंसी उडाई है, यह बात जिम्मेदार विश्‍लेषक कह रहे है| इस्लामी देशों को कश्मीर यह धर्म से जुडा मुद्दा होने की बात नही मानते| सौदी अरब और यूएई ने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में सुनाया था| ऐसे में जम्मू-कश्मीर में मानव अधिकारों का हनन होने के आरोप कर रहे पाकिस्तान में ही मानव अधिकारों का खुले आम हनन हो रहे है और इस बारे में पाकिस्तान ने किए आरोपों की ओर गंभीरता से विचार करने के लिए कोई भी देश तैयार नही है|

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