चिनी इंजिनिअर्स की जान लेनेवाले विस्फोट के संदर्भ में पाकिस्तान के परस्पर विरोधी दावे

चिनी इंजिनिअर्सइस्लामाबाद – पाकिस्तान के खैबर-पख्तुनख्वा में बस में हुए विस्फोट में चीन के नौं इंजीनियर्स की मौत हुई थी। यह घातपात था, ऐसा दावा पाकिस्तान के मंत्री ने किया। लेकिन पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय ऐसा दावा कर रहा था कि बस के एसी में विस्फोट होकर यह हादसा हुआ। अभी भी, यह आतंकवादी हमला है, यह ठोस रूप में बताने के लिए पाकिस्तान तैयार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर इस घातपात के लिए ज़िम्मेदार होनेवालों को कड़ी सजा देने की माँग चीन पाकिस्तान के पास कर रहा है। इसकी तहकिक़ात के लिए पाकिस्तान में पथक भेजने की तैयारी चीन ने की है। लेकिन यह विस्फोट अन्य किसी ने नहीं, बल्कि खुद पाकिस्तान में ही करवाया होने के कारण, पाकिस्तान के दावों में विरोधाभास दिखने के आरोप कुछ लोग कर रहे हैं।

खैबर-पख्तुनख्वा प्रांत के अप्पर कोहिस्तान स्थित दासू की जलविद्युत परियोजना पर चिनी इंजिनिअर्स काम कर रहे थे। उनकी सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी लष्कर के जवान भी तैनात थे। ऐसा होने के बावजूद, चिनी इंजिनिअर्स प्रवास कर रहे बस में बम का विस्फोट हुआ और उसमें चीन के नौं इंजिनिअर्स मारे गए। इसमें पाकिस्तानी लष्कर के दो जवानों की मृत्यु हुई बताई जाती है। फिलहाल पाकिस्तान की सारी दारोमदार चीन निवेश कर रहे ‘सीपीईसी’ परियोजना पर है। ऐसी परिस्थिति में पाकिस्तान में कार्यरत होनेवाले चिनी नागरिकों की सुरक्षा की ओर अधिक संवेदनशीलता से देखना पाकिस्तान से अपेक्षित था। ऐसा होने के बावजूद भी, इस बम विस्फोट के बारे में पाकिस्तान परस्पर विरोधी दावे करता दिखाई दे रहा है।

पाकिस्तान के मंत्री बाबर अवान ने यह घातपात होने का आरोप किया। वही कमा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कामा यह दुर्घटना होने का यकीन दिलाया था। इस बस के ऐसी में खराबी हुई कामा उसका विस्फोट होकर बस हवा में उछली और फिर वह खाई में गिरी कमाए से अजीबोगरीब दावे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एससीओ की बैठक में चीन के विदेश मंत्री ने ऐसी ही जानकारी दी बताई जाती है। लेकिन अब पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने, यह घातपात ही था और उसके लिए इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों की जानकारी मिली है ऐसा ऐलान किया है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री स्वयं इस घातपात की जांच की जानकारी ले रहे हैं काम आए ऐसा भी फवाद चौधरी नी आगे चलकर कहां। इस कारण पाकिस्तान की भूमिका पर शक अधिक से अधिक बढ़ता चला जा रहा है। चीन ने भी इसे घातपात ही बताकर, इसके लिए ज़िम्मेदार होनेवालों पर पाकिस्तान कड़ी कार्रवाई करें, ऐसी माँग की। साथ ही, इस घातपात की जाँच में सहभागी होने के लिए चीन अपना पथक पाकिस्तान को रवाना करनेवाला है।

इस घातपात के ज़रिए चीन और पाकिस्तान की सीपीईसी परियोजना को झटका देने की कोशिश कुछ विदेशी ताकतें कर रहीं होने का आरोप पाकिस्तान के माध्यमों ने किया। वहीं, भारत के सोशल मीडिया में यह आरोप हो रहा है कि यह घातपात पाकिस्तान ने ही करवाया और चीन को झटका देने का हेतु इसके पीछे था।

पाकिस्तान और चीन ने हालाँकि कितने भी बड़े बड़े दावे किए, फिर भी सीपीईसी परियोजना फिलहाल सक्रिय नहीं है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के मतभेद चरमसीमा पर पहुँचे हैं। इतना ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान को बाजू में हटाकर चीन अफगानिस्तान में तालिबान से हाथ मिलाएगा, ऐसी चिंता पाकिस्तान को लग रही है। इसके लिए चीन को झटका देने की बहुत बड़ी जरूरत पाकिस्तान को प्रतीत हो रही है और इसी के लिए यह बम विस्फोट करवाकर पाकिस्तान ने चीन को चेतावनी दी, ऐसा दावा सोशल मीडिया में किया जा रहा है। पाकिस्तान इस विस्फोट के संदर्भ में कर रहा परस्परविरोधी दावें, इन आरोपों को अधिक बल दे रहे हैं।

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