भारत ने निर्यात पर रोक लगाने से बांगलादेश और नेपाल में प्याज़ के दामों में उछाल

काठमांडू/ढाका – भारत ने प्याज़ निर्यात पर यकायक रोक लगाने के बाद पड़ोसी नेपाल और बांगलादेश में प्याज़ के दामों में तेज़ उछाल हुआ है। बांगलादेश में कुछ दिन पहले प्याज़ की प्रतिकिलो ३० से ५० टका दर से बिक्री हो रही थी। अभी यह दर उछाल के बाद १२० टका हुआ है। वहीं, नेपाल के काठमांडू के थोक बाज़ार में ७० से ८० रुपये प्रतिकिलो बिक्री हो रहे प्याज़ का दर अब प्रतिकिलो १५० रुपये हुआ है। भारत ने यकायक प्याज़ की निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लेने पर बांगलादेश ने नाराज़गी व्यक्त की है।

देश के बाज़ारों में प्याज़ की उपलब्धता बढ़े और प्याज़ के बढ़ते दाम नियंत्रित रहें, इस उद्देश्‍य से केंद्र सरकार ने हर तरह के प्याज़ की निर्यात पर प्रतिबंध लगाए। दक्षिण भारत में हुई मुसलाधार बारिश की वजह से प्याज़ की खेती का नुकसान होने से यह प्रतिबंध लगाने की बात कही जा रही है।

दक्षिण एशियाई देशों में भारत प्याज़ का सबसे बड़ा निर्यातक है। नेपाल, बांगलादेश, श्रीलंका और मलेशिया को भारत से प्याज़ की आपूर्ति होती है। लेकिन, भारत के इस निर्णय से यह देश प्रभावित हुए हैं।

खास तौर पर नेपाल और बांगलादेश में प्याज़ के दरों में तेज़ उछाल देखा गया है। बांगलादेश में प्याज़ के दर १२० टका और नेपाल में १५० रुपये तक उछले हैं। इन देशों में प्याज़ की ब्लैक मार्केटिंग शुरू हुई है और आनेवाले दिनों में प्याज़ के दरों में अधिक उछाल आएगा, यह दावा किया जा रहा हैं।

बांगलादेश में प्याज़ की सालाना २५ लाख टन माँग रहती है और बीते वर्ष इस देश में २५.५७ लाख टन उत्पादन हुआ था। लेकिन, कुछ प्याज़ ख़राब होने से बनी कमी दूर करने के लिए बांगलादेश ने भारत से प्याज़ की माँग की थी। लेकिन, किसी भी तरह की सूचना दिए बिना पाबंदी लगाने का निर्णय भारत द्वारा लिए जाने पर बांगलादेश की सरकार ने तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है।

बांगलादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका स्थित भारतीय उच्चायुक्तालय को खत लिखा है। इसमें प्याज़ की निर्यात पर यकायक प्रतिबंध लगाने का निर्णय करने से पहले भी एक दूसरे के बीच जारी आदान-प्रदान में कटुता निर्माण होने की बात कही गई है।

साथ ही ढाका में १५-१६ जनवरी को दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रालय की सचिवस्तरीय बैठक में बांगलादेश ने आवश्‍यक खाने के सामान पर निर्यात प्रतिबंध ना लगाने की बिनती की थी। उस समय इस तरह के प्रतिबंध लगाने की मज़बूरी होने पर कुछ दिन पहले बांगलादेश को सूचित करने की बिनती भी की गई थी, इसकी याद संबंधित खत से दिलाई गई है।

प्याज़ की निर्यात पर लगाई गई रोक हटाने की बिनती भी इस माध्यम से की गई है और इस पर सकारात्मक रिस्पान्स प्राप्त हो, यह उम्मीद भी बांगलादेश के विदेश व्यवहार मंत्री एम.शहरियार आलम ने व्यक्त की है।

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