संयुक्त अरब अमीरात का पाकिस्तान को और एक झटका

इस्लामाबाद – ‘संयुक्त अरब अमीरात’ (युएई) ने पाकिस्तान को दूसरां झटका दिया है। अफ़गानिस्तान में हुए आतंकी हमले में अपने पाँच राजनीतिक अफ़सर खोनेवाले ‘युएई’ ने, इस हमले के पीछे पाकिस्तान का ‘आयएसआय’ होने के संकेत दिए थे। अब पाकिस्तानी नागरिकों को वीज़ा देने से इन्कार करके ‘युएई’ ने इस देश को और एक नया झटका दिया हुआ दिख रहा है। पाकिस्तान ने अपनी विदेश नीति में बदलाव करके तुर्की और ईरान की ओर झुकाव दिखाने से, सौदी अरब और ‘युएई’ अब पाकिस्तान को सबक सिखाने की तैयारी में जुटे हैं। ‘युएई’ ने किया यह निर्णय उसी का हिस्सा बनता है।

पाकिस्तान के माध्यमों में बीते दो दिनों से इम्रान खान की सरकार की आलोचना हो रही है। सौदी अरब के बाद ‘युएई’ ने भी पाकिस्तानी नागरिकों को वीज़ा देने से इन्कार करने की खबरें प्रकाशित हो रही हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार के दिन इस मुद्दे पर जारी किए निवेदन में, ‘युएई’ ने पाकिस्तान के साथ अन्य ११ देशों को वीज़ा देने से इन्कार करने की बात कही है। कोरोना वायरस की पृष्ठभूमि पर यह कार्रवाई की होने की बात कहकर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपना बचाव किया है। लेकिन, पाकिस्तानी पत्रकार एवं विश्‍लेषक ‘युएई’ की इस कार्रवाई को लेकर गंभीर चिंता जता रहे हैं।

सन २०१७ में अफ़गानिस्तान के कंदहार में हुए आतंकी हमले में ‘युएई’ के पाँच राजनीतिक अफ़सरों की मौत हुई थी। इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन ‘हक्कानी नेटवर्क’ ही ज़िम्मेदार है, यह जानकारी सामने आ रही है। आतंकी संगठन ‘हक्कानी नेटवर्क’ पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ का एजंट होने का आरोप भी किया जाता है। इसी कारण, अपने राजनीतिक अफ़सरों की हत्या के पीछे ‘आयएसआय’ का हाथ होने के संकेत ‘युएई’ ने दिए हैं।

इसके साथ ही, ‘युएई’ के खिलाफ जहर उगाल रहें इम्रान खान के कुछ समर्थकों को अपने हवाले करने की माँग ‘युएई’ ने पाकिस्तान से की है, यह जानकारी भी सामने आ रही है। ‘युएई’ की इस भूमिका की वजह से, पाकिस्तानी विश्‍लेषक बड़े बेबस हुए हैं। सौदी अरब और अब ‘युएई’, इन दोनों अरब देशों ने एक के बाद एक पाकिस्तान की घेराबंदी करना शुरू किया है। यह बात पाकिस्तान के लिए घातक साबित होगी, ऐसी चेतावनी ये विश्‍लेषक दे रहे हैं।

सौदी अरब, युएई जैसें अरब देशों से आर्थिक एवं राजनीतिक सहायता प्राप्त करके पाकिस्तान ने अबतक, अपने सामने खड़े हुए संकटों का मुकाबला किया है। लेकिन, इम्रान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होने के बाद उन्होंने विदेश नीति में बदलाव करके तुर्की और ईरान की ओर झुकाव दिखाया है। पाकिस्तान को आजतक सहायता प्रदान करनेवाले सौदी और युएई जैसें देशों की इसपर प्रतिक्रिया आ सकती है, इस बात पर इम्रान खान ने गौर ही नहीं किया।

इसके गंभीर परिणाम पाकिस्तान को भुगतने पड़ रहे हैं और अगले दिनों में इसमें अधिक बढ़ोतरी होगी, ऐसी चेतावनी पाकिस्तान में स्थित अनुभवी पत्रकार एवं विश्‍लेषक दे रहे हैं।

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