‘एनआयए’ ने किया ‘एसएफजे’ के पंजाब स्थित प्रमुख को गिरफ़्तार

नई दिल्ली – राष्ट्रीय जाँच संस्था (एनआयए) ने ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) इस आतंकी संगठन का पंजाब स्थित प्रमुख परगट सिंग को गिरफ़्तार किया है। पाकिस्तान का कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ पंजाब में फिर से आतंकवाद को जीवित करने की कोशिश कर रहा है। ‘एसएफजे’ के माध्यम से आयएसआय ने यह कोशिश शुरू की है और भारत सरकार ने पिछले वर्ष ही इस संगठन पर पाबंदी लगाई थी। साथ ही पिछले डेढ़ वर्षों में पंजाब से खलिस्तानी आतंकियों के करीबन ३० मोड्यूल ध्वस्त किए गए हैं। इस पृष्ठभूमि पर, एसएफजे के पंजाब स्थित प्रमुख की हुई गिरफ़्तारी अहमियत रखती है। परगट सिंग की जाँच के दौरान ‘आयएसआय’ और ‘एसएफजे’ के नेटवर्क से संबंधित अहम जानकारी हाथ लगने की संभावना जताई जा रही है।NIA

दिल्ली और पंजाब में युवाओं को भड़काकर उन्हें एसएफजे में भर्ती करने का काम परगट सिंग कर रहा था। इसके लिए उसे भारी मात्रा में पैसे दिए जा रहे थे। देश के बाहर छिपे खलिस्तानी समर्थक एसएफजे को चला रहे हैं और युवाओं को भड़काकर हिंसा करवाने की कोशिश कर रहे हैं। दो वर्ष पहले इस संगठन ने माध्यमों के ज़रिये युरोप और अमरीका में भारत के विरोध में और खलिस्तान के लिए प्रदर्शन किए थे। लेकिन, इस संगठन के पीछे आयएसआय होने की बात बाद में स्पष्ट हुई थी।

दो वर्ष पहले पंजाब में हिंसा की घटनाएँ हुई थी। इस मामले में पंजाब पुलिस ने ११ लोगों को गिरफ़्तार किया था। उनकी जाँच के दौरान इस हिंसा के पीछे ‘एसएफजे’ का हाथ होने की बात उजागर हुई थी। देश के बाहर से नागरिकों को भड़काने की हरकतें की जा रही थीं, यह बात स्पष्ट होने पर इस मामले की जाँच का ज़िम्मा ‘एनआयए’ को दिया गया था। इस वज़ह से परगट सिंग की गिरफ़्तारी अहम है। उसे २९ जून तक न्यायालयीन कस्टडी सुनाई गई है।

तीन दिन पहले ही ‘आयएसआय’ की सहायता से सक्रिय हुए खलिस्तानी आतंकियों का मोड्यूल पंजाब पुलिस ने ध्वस्त किया था और साथ ही हथियारों का बड़ा भंड़ार भी बरामद किया था।

इसी बीच एनआयए ने, मंगलवार के दिन देश में आयएस के आतंकियों की सहायता करने के मामले में गिरफ़्तार किए गए १२ लोगों के विरोध में आरोपपत्र दाखिल किया है। २८ दिसंबर, २०१९ के रोज चेन्नई के कांचीपुरम में एक दूरसंचार कंपनी के व्यवस्थापक ने दर्ज़ की हुई शिकायत के आधार पर अपराधिक मामला दर्ज़ किया गया था। जाली कागजों के ज़रिये कुछ सिमकार्ड शुरू की गईं थीं। एनआयए ने इस मामले की जाँच करके बारह लोगों को गिरफ़्तार किया था। इसके बाद इन सभी लोगों का संबंध ‘आयएस’ के आतंकियों से होने की बात स्पष्ट हुई थी।

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