नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ‘मार्कशीट’ का तनाव कम करेगी – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया विश्‍वास

नई दिल्ली – देश में छात्रों को अब तक ‘मार्कशीट’ यानी तनाव शीट और पालकों के लिए प्रतिष्ठा शीट बनी हुई थी। लेकिन, देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) छात्रों पर बन रहा ‘मार्कशीट’ का तनाव दूर करेगी’, ऐसा विश्‍वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त किया।

education-policy‘स्कूल एज्युकेशन इन २० सेंच्युरी’ इस विषय पर आयोजित ‘वर्च्युअल’ परिषद को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को ‘एनईपी’ की अहमियत समझाई। वर्ष २०२२ में देश की स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर देशभर में ‘एनईपी’ जारी होगी, इसका ऐलान प्रधानमंत्री ने किया। जुलाई महीने में केंद्र सरकार ने २१ वीं सदी की जरूरतें ध्यान में रखकर ३४ वर्ष पुरानी शिक्षा नीति बदलकर नई नीति सामने लाई। ‘एनईपी’ की वजह से नए युग का आरंभ होगा और देश के भविष्य को नई दिशा प्राप्त होगी, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

बीते तीन दशकों में देश के हर क्षेत्र और व्यवस्था में बदलाव हुए हैं। लेकिन, देश की शिक्षा नीति अभी भी पुरानी ही थी। इस शिक्षा व्यवस्था ने छात्रों को कैद कर रखा था। विज्ञान शाखा के छात्रों के लिए कला या वाणिज्य शाखा के विषय का अध्ययन करना संभव नहीं था। लेकिन, जीवन में एक ही प्रकार के दायरे की शिक्षा उपयोगी साबित नहीं होती। २१ वीं सदी के छात्रों को कुशलता, कल्पकता, विचार, जिज्ञासा के अनुभव के बल पर ही पैर जमाना संभव होगा, यह बात भी प्रधानमंत्री मोदी ने कही।

education-policyनई राष्ट्रीय शिक्षा नीति छात्रों के लिए पाठ्यक्रम से अधिक बुनियादि मुद्दों पर ध्यान केंद्रीत करेगी। इससे छात्रों के कला गुणों को अवसर प्राप्त होगा, यह बयान प्रधानमंत्री मोदी ने किया है।

इसी बीच कुछ दिन पहले देशभर के शिक्षकों को ‘एनईपी’ से संबंधित सुझाव देने को कहा गया था। इस पर अच्छा रिस्पान्स प्राप्त हुआ था और लाखों शिक्षकों से सुझाव प्राप्त होने की बात साझा करके प्रधानमंत्री ने इस पर संताष व्यक्त किया। ‘एनईपी’ की वजह से अंतरराष्ट्रीय शिक्षा संस्थाएं भारत में ‘कैम्पस’ का निर्माण करेंगी और इससे भारतीय छात्रों को उच्च शिक्षा पाने के लिए विदेश जाने की ज़रूरत नहीं पडेगी। इसके चलते ‘ब्रेन-ड्रेन’ पर रोक लगेगी, इस ओर प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ दिन पहले ही ध्यान आकर्षित किया था।

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