अफगानिस्तान मुहिम के लिए अतिरिक्त तैनाती और निधि के लिए नाटो का अनुमोदन

ब्रुसेल्स/काबुल, दि. २ : अफगानिस्तान में तालिबान और ‘आयएस’ इन आतंकवादी संगठनों के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए चलायी जानेवाली नये मुहिम में, अतिरिक्त सेना तथा निधि प्रदान करने के लिए नाटो ने अनुमोदन दिया है| नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने यह जानकारी दी| पिछले हफ्ते इस मसले पर नाटो और अमरीका की बैठक संपन्न हुई थी| उस समय, अमरीकी रक्षामंत्री ने नाटो को ‘अफगाण मुहिम’ के मामले में कड़ी चेतावनी दी थी| इस पृष्ठभूमि पर, नाटोप्रमुख का ऐलान महत्त्वपूर्ण माना जाता है|

अतिरिक्त तैनाती और निधिनाटो के सेना अधिकारियों ने अफगानिस्तान मुहिम के लिये कुछ हज़ार जवानों की माँग की है| ‘नाटो ने इस माँग को सहमति देकर अफगानिस्तान में तैनाती फिर से बढ़ाने का फैसला किया है| अफगानिस्तान मुहिम के लिये १५ सदस्य देशों ने अतिरिक्त सहयोग देने के लिए स्वीकृति दी है’| ऐसे शब्दों में नाटोप्रमुख स्टॉल्टनबर्ग ने नाटो के फैसले की जानकारी दी| लेकिन ‘नाटो अफगानिस्तान में प्रत्यक्ष संघर्ष में शामिल नहीं होगा| अफगानी एजन्सियों को प्रशिक्षण और अन्य सभी प्रकार की सहायता करेगा’, ऐसा स्टॉल्टनबर्ग ने स्पष्ट किया|

नाटो के इस फैसले के पीछे अमरीका ने ड़ाला हुआ दबाव ज़िम्मेदार है, ऐसा  कहा जाता है| अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प पिछले कुछ महिनों से नाटो की कड़ी आलोचना कर रहे थे| नाटो के सदस्य देशों का रक्षाखर्च और मुहिम में शामिल होने का सहयोग कम होता जा रहा है, ऐसी आलोचना अमरीकी राष्ट्राध्यक्ष ने की थी| इसीके साथ, दूसरी तरफ, अमरीका के फिर से अफगानिस्तान संघर्ष में शामिल होने का ऐलान ट्रम्प ने किया|

ट्रम्प के इसी ऐलान के बाद अमरीका के रक्षामंत्री जेम्ट मैटिस ने नाटो सदस्य देशों की यात्रा करके अफगान मुहिम के लिए उनपर दबाव ड़ालने की शुरुआत की थी| पिछले हफ्ते हुई बैठक में अमरीकी रक्षामंत्रि ने अफगाण मुहिम को लेकर नाटो को खरी खरी सुनायी थी| ‘नाटो ने अफगानिस्तान को आतंकवाद और डर से मुक्त करने का वचन दिया था| इससे नाटो मुकर नहीं सकता’, इन शब्दों में मैटिस ने नाटो को फ़टकार लगायी थी|

अमरीका के इस बढ़ते दबाव की वजह से आखिर नाटो ने अफगानिस्तान में तैनाती बढ़ाने का फैसला कियाया है, ऐसा दिख रहा है| अमरीका इस महिने में अफगानिस्तान मुहिम के तैनाती की अंतिम ऐलान करेगी, ऐसा माना जाता है| अमरीका ने अफगान मुहिम में लगभग चार से पाँच हज़ार जवान तैनात करने के संकेत दिये हैम्| नाटो द्वारा भी उसी औसत में सेना तैनात की जायेगी, ऐसा विश्‍वास सूत्रों द्वारा जताया जा रहा है|

वर्तमान में अफगानिस्तान में अमरीका के ८४०० जवान तैनात हैम्| अमरीका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने सन २०१४ में, अफगानिस्तान से सेना पिछे लेने का फैसला किया था| उसके बाद, पिछले कुछ सालों में अफगानिस्तान में आतंकवादी हमले की तीव्रता और हिंसा में बढ़ोत्तरी होने की बात सामने आयी थी|

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