‘एमएसएमई’ क्षेत्र में पांच करोड़ रोज़गार उपलब्ध करेंगे – केंद्रीयमंत्री नितीन गडकरी का ऐलान

हैद्राबाद – ११ करोड़ लोगों को रोज़गार प्रदान करनेवाले ‘मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योग’ (एमएसएमई) भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। मौजूदा स्थिति में यह क्षेत्र भारत के ‘जीडीपी’ में ३० प्रतिशत योगदान दे रहा है। यह योगदान अगले दिनों में बढ़ाकर ५० प्रतिशत करके इसके ज़रिये पांच करोड़ लोगों के लिए रोज़गार निर्माण करने का उद्देश्‍य सरकार ने सामने रखा है। ग्रामिण उद्योगक्षेत्र का सालाना कारोबार फिलहाल ८० हज़ार करोड़ है। अगले दो वर्षों में इसे बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने तय किया है, यह जानकारी केंद्रीय मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगमंत्री नितीन गडकरी ने साझा की।

‘कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री’ (सीआयआय) ने आयोजित किए कार्यक्रम में गड़करी बोल रहे थे। अब तक ‘एमएसएमई’ क्षेत्र ने देश में ११ करोड़ नागरिकों को रोज़गार प्रदान किया है। इसी कारण यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ऐसे में अगले दिनों में इस क्षेत्र का ‘जीडीपी’ में योगदान ३० प्रतिशत से ५० प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने तय किया है। इसके लिए निर्यात को बढ़ाना होगा। फिलहाल भारत के निर्यात में ‘एमएसएमई’ का योगदान ४८ प्रतिशत है। इसे बढ़ाकर ६० प्रतिशत करने की दिशा में भी केंद्र सरकार काम कर रही है, यह बयान भी गडकरी ने किया।

इसके ज़रिये ‘एमएसएमई’ क्षेत्र में अतिरिक्त पांच करोड़ लोगों को रोज़गार उपलब्ध होगा, यह विश्‍वास भी गडकरी ने व्यक्त किया। इसके साथ ही ग्रामिण क्षेत्र से संबंधित हैंडलूम, हस्तकला उद्योग, खादी ग्रामोद्योग का सालाना कारोबार करीबन ८० हज़ार करोड़ है। अगले दो वर्षों में यह कारोबार पांच लाख रुपये करने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है, यह दावा भी गडकरी ने किया।

अब देश में बेहतर रास्तों का निर्माण हुआ है और बीजली भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। साथ ही कामागारों से संबंधित कानून में संशोधन एवं प्रशासकीय कानूनों में भी सुधार हो रहा है, इसका दाखिला देकर देश में निवेश करने के लिए बेहतर माहौल बना है, यह भरोसा केंद्रीय मंत्री ने व्यक्त किया। साथ ही देशभर में करीबन २२ नए ‘ग्रीन हायवे’ प्रकल्प शुरू होने की बात पर केंद्रीयमंत्री गडकरी ने ध्यान आकर्षित किया। कोरोना के संकट की वजह से पूरे विश्‍व के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हुई है। लेकिन, ऐसे दौर में भी भारत के लिए कुछ नए अवसर प्राप्त हुए हैं। इसका लाभ उठाना होगा, यह बयान गडकरी ने किया।

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