आंध्र प्रदेश में पाया गया कोरोना का सबसे घातक ‘स्ट्रेन’ – शोधकर्ताओं का दावा

नई दिल्ली – आंध्र प्रदेश में पंद्रह गुना अधिक तेज़ संक्रमित होनेवाला एवं मौजूदा ‘स्ट्रेन’ से भी अधिक घातक कोरोना का नया ‘स्ट्रेन’ पाया गया हैं। ‘सेंटर फॉर सेल्युलर ऐण्ड मॉलेक्युलर बायोलॉजी’ (सीसीएमबी) के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है और इसे वैज्ञानिक भाषा में ‘एन४४०के’ नाम दिया गया है। साथ ही इसे ‘एपी स्ट्रेन’ भी कहा गया है।

‘स्ट्रेन’

देश में अब तक पाए गए कोरोना संक्रमितों की संख्या अब बढ़कर २ करोड़ से अधिक हुई है। देश में एक्टिव संक्रमितों की संख्या फिलहाल ३५ लाख हुई है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य यंत्रणा पर काफी दबाव पड़ा है। देश के १३ राज्यों में अब रोज़ाना सामने आ रहे कोरोना के नए मामलों की संख्या स्थिर होती हुई और कहीं पर कम होने की राहत देनेवाली जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार के दिन साझा की। महाराष्ट्र के १२ जिलों में कोरोना का पॉज़िटिव रेट कम हुआ है। मंगलवार के दिन महाराष्ट्र में कोरोना के ५१,८०० नए मामले सामने आए और ८९१ संक्रमित मृत हुए। मंगलवार के दिन राज्य में पाए गए मामले बीते हफ्ते की तुलना में कम हैं।

‘स्ट्रेन’

लेकिन, एक ओर कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण की चेन टूटने के प्राथमिक संकेत प्राप्त हो रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ राज्यों में संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे राज्यों में आंध्र प्रदेश का भी समावेश है। मंगलवार के दिन आंध्र प्रदेश में कोरोना के १९ हज़ार नए मामले सामने आए। इसी राज्य से चेतावनी देनेवाली खबर प्राप्त हुई है। आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस का नया ‘स्ट्रेन’ पाए जाने का दावा ‘सीसीएमबी’ के शोधकर्ताओं ने किया है। आंध्र प्रदेश के कुरनूल में यह नया स्ट्रेन पाया गया है। ‘एन४४०के’ नामक यह स्ट्रेन ‘बी१.६१७’ और ‘बी१.६१८’ नामक स्ट्रेन्स की तुलना में अधिक तेज़ संक्रमित होनेवाला एवं घातक होने का दावा ‘सीसीएमबी’ के दाखिले से एक समाचार में किया गया है।

शोधकर्ताओं के दावे के अनुसार इस स्ट्रेन से संक्रमित होने के मात्र ३-४ दिनों में ही संक्रमित को हायपोक्सिया की त्रासदी शुरू होती है। संक्रमित को सांस लेने में दिक्कत होती है और उसके हालात खराब होते हैं। ऐसे में संक्रमित को तुरंत ऑक्सिजन देने की आवश्‍यकता होती है, ऐसा ‘सीसीएमबी’ के शोधकर्ताओं का कहना है। इसके अलावा यह नया ‘स्ट्रेन’ युवक और छोटे बच्चों को भी तेज़ी से चपेट में ले रहा है और इस ‘स्ट्रेन’ का अधिक संक्रमण ना होने देने के लिए इसकी ‘चेन’ तोड़ने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्‍यकता होने का इशारा विशेषज्ञों ने दिया है। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग और आयसीएमआर ने अभी इस नए ‘स्ट्रेन’ से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी प्रदान नहीं की है।

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