कोरोना के ज़रिये लष्कर पर जैविक हमले की संभावना नकारी नहीं जा सकती – भारतीय लष्कर के वरिष्ठ अधिकारी की चेतावनी

नई दिल्ली,  (वृत्तसंस्था) – ‘कोरोनावायरस की महामारी पर जब तक टीका नहीं प्राप्त होता या फिर उसपर प्रतिबंधात्मक वैद्यकीय ईलाज़ प्राप्त नहीं होता, तब तक इस वायरस की सहायता से लष्कर पर जैविक हमलें किये जाने की संभावना को ख़ारिज नहीं किया जा सकता’, ऐसी चेतावनी भारतीय लष्कर के वैद्यकीय विभाग के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल अनुप चटर्जी ने दी। कुछ दिन पहले भारत के रक्षादल प्रमुख जनरल बिपीन रावत ने, पाकिस्तान कोरोनाग्रस्त आतंकियों की भारत में घुसपैंठ कराके जैविक हमला करेगा, ऐसा जताया था।

भारत के साथ साथ अमरीका, इस्रायल, ब्रिटन और कुछ अग्रसर देशों ने इस संक्रमण पर टीका खोजने की दिशा में प्रयास शुरू किये हैं। लेकिन कोरोनावायरस के संक्रमण पर अभी तक संतोषजनक हल प्राप्त नहीं हुआ है। भारतीय लष्कर के वैद्यकीय विभाग के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल अनुप चटर्जी ने इस परिस्थिति पर चिंता ज़ाहिर की। ‘शत्रुदेश द्वारा लष्कर पर कोरोनावायरस का शस्त्र जैसा इस्तेमाल किया जायेगा, ऐसा निश्चित रूप से तो नहीं कह सकतें। लेकिन इस संक्रमण पर टीका प्राप्त करना अथवा प्रतिबंधात्मक वैद्यकीय ईलाज़ प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है। अन्यथा इस वायरस का हथियार जैसा इस्तेमाल करके लष्कर पर हमला किये जाने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता’, ऐसा लेफ्टनंट जनरल चटर्जी ने ज़ोर देकर कहा।

पाकिस्तान आतंकियों की भारत में घुसपैंठ कराने की कोशिशों में होने की चेतावनियाँ दी जा रहीं हैं। इन आतंकियों में कोरोनाग्रस्त आतंकी होने की ख़बरें सामने आयें थीं। भारत के रक्षादलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने भी एक न्यूज़चॅनल से बातचीत करते हुए इस मामले में चेतावनी दी है। ‘पाकिस्तान को भारत में आतंक फ़ैलाना है। इसके लिए बे आतंकी अथवा कोरोना का भी इस्तेमाल कर सकते हैं’, ऐसा जनरल रावत ने जताया था। इस पृष्ठभूमि पर, लष्कर के वरिष्ठ अधिकारी से दी जा रही चेतावनी की अहमियत बढ़ी है।

इसी बीच, कोरोनावायरस जैसे जैविक; साथ ही आण्विक, रसायनिक हमले का सामना करने के लिए भारतीय लष्कर के तीनों दल तैयार हैं, ऐसा लष्कर ने स्पष्ट किया है।

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