ट्रम्प के कोरोना संबंधित दावें खारिज़ करके गलती की – अमरीका के उदारतावादी पत्रकारों ने कबुला

खारिज़वॉशिंग्टन – ‘चायनीज वायरस’, ‘वुहान वायरस’ ऐसा कोरोना का ज़िक्र करके, अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस महामारी के लिए चीन को ज़िम्मेदार बताया था। लेकिन ट्रम्प का तीव्र विरोध कर रहें अमरिकी माध्यमों के उदारतावादी गुट ने ट्रम्प के इन दावों का मज़ाक उड़ाया था। लेकिन अब, ट्रम्प ने किए दावे खारिज़ करके हमने काफी बड़ी गलती की है, इस बात की कबुली उदारतावादी गुट के इन पत्रकारों को देनी पड़ रही हैं। सिर्फ ट्रम्प ने आरोप लगाया था इसी वजह से हमने इसके विरोधी भूमिका अपनाई थी, यह बात इन पत्रकारों ने कबुली है। इस तरह से कबुलनामा देनेवालों में अमरीका के शीर्ष अखबार एवं समाचार चैनल के नामांकित पत्रकारों का समावेश है।

कोरोना के मुद्दे पर ट्रम्प ने किए हुए आरोपों को हमने पूर्वग्रहदूषित नज़रिये से देखा। इसकी सच्चाई जानने की कोशिश नहीं की, यह बात स्वीकार कर रहें उदारतावादी पत्रकार और माध्यमों की अब आलोचना होना शुरू हुआ है। आपकी विचारधारा के प्रभाव में जाकर आपने वाचकों का विश्‍वासघात किया, ऐसी तीखीं आलोचना तटस्थ पत्रकारों ने की है। इसके साथ ही, ‘क्या गलत है और क्या उचित है, यह तय करने का अधिकार आपको किसने दिया?’ ऐसा सवाल करके, पत्रकार की भूमिका सिर्फ सच रखने की होनी चाहिये, इस पत्रकारिता के बुनियादी सिद्धांत की याद भी इन पत्रकारों ने कराई है। अब कोरोना से संबंधित चौकानेवाली जानकारी विश्‍व के सामने आने की वजह से अपनी पोलखोल होने से ही ये पत्रकार अपनी गलती कबुल कर रहे हैं। लेकिन, अब इसका कुछ ख़ास मतलब नहीं रहा, ये लोग अब अपनी चमड़ी बचाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसी फटकार अमरिकी लेखक जोश रॉगिन ने सोशल मीडिया के ज़रिए लगाई है।

ट्रम्प विरोधी भूमिका अपना रहें समाचार चैनलों के पत्रकारों ने, अब अपना मज़ाक होने की बात स्वीकारी है। इस वजह से कोरोना की महामारी का, अमरीका की माध्यमसृष्टी पर भी बड़ा असर होने की बात सामने आ रही है। मात्र अमरीका का ही नहीं, बल्कि कोरोना संबंधित सामने आ रही जानकारी की वजह से अन्य देशों में भी, अगले दिनों में काफी बड़ी उथल-पुथल हो सकती हैं। कोरोना का संक्रमण रोकने में अपने देश की सरकार और स्वास्थ्य यंत्रणा पूरी तरह से नाकाम होने का आरोप, बिल्कुल विकसित देशों में भी लगाया जा रहा है। लेकिन, यह भयंकर महामारी यानी चीन ने शुरू किया हुआ जैविक युद्ध होने की बात सामने आना शुरू होने के बाद, इस असफलता की ओर अलग नज़रिये से देखा जा सकता है। यह महामारी यानी हमारे देश के विरोध में शुरू किया हुआ जैविक युद्ध था, इस बात का एहसास होने के बाद, इसे महामारी के तौर पर देखनेवालों की भूमिका पूरी तरह से बदल सकती है।

इस वजह से, फिलहाल अमरीका के माध्यम और पत्रकार जिस तरह से अपनी गलती कबुल रहे हैं, इसी तरह की गतिविधियाँ अन्य देशों में भी दिखाई दे सकती हैं। साथ ही, कोरोना के ज़रिये जैविक युद्ध शुरू करने का आरोप हो रहें चीन को इसके लिए ज़िम्मेदार पकड़ने की माँग अधिक आक्रामक हो सकती है। सिर्फ अमरीका में छह लाख से अधिक लोग, कोरोना संक्रमित होने से मृत हुए हैं। फिर भी अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन, इस महामारी के लिए ज़िम्मेदार होनेवाले चीन के विरोध में सख्त कार्रवाई करने का कर्तव्य निभा नहीं रहे हैं, ऐसा अफसोस नामांकित विश्‍लेषक गॉर्डन चैंग ने हाल ही में व्यक्त किया था।

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