भारत ने कोरोना की जाँच करने की माँग उठाई

कोरोना की जाँचनई दिल्ली – कोरोना के उद्गमस्थान की तलाश करने के आदेश अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अपनी गुप्तचर संस्थाओं को दिए हैं। उनके इस ऐलान के एक दिन बाद ही भारत ने भी कोरोना के उद्गम स्थान की जाँच करने की माँग उठाई है। भारतीय विश्‍लेषक तो कोरोना के उद्गम के साथ ही, इसकी दूसरी लहर का भी चीन से ही ताल्लुकात होने की बात कहकर, चीन के साथ विवाद होनेवाले देशों में कोरोना की दूसरी लहर अधिक तीव्र हो रही है, इस ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसी बीच यह आरोप होने से बेचैन हुए चीन ने, अमरीका पर आरोप लगाना शुरू किया है।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना का उद्गम चीन की वुहान लैब में ही होने की बात ड़टकर कही थी। अपने कार्यकाल में ट्रम्प ने कोरोना का ज़िक्र ‘वुहान वायरस’ ही किया था। लेकिन, अमरीका में सत्ता परिवर्तन होने के बाद बायडेन प्रशासन ने, कोरोना के मुद्दे पर चीन को कटघरे में खड़ा करने की ट्रम्प की नीति में बदलाव किया। ट्रम्प ने शुरू की हुई कोरोना के उद्गम की जाँच भी बायडेन प्रशासन ने रोक दी थी। लेकिन, अन्तर्राष्ट्रीय माध्यमों ने कोरोना का विषाणु यानी चीन का जैविक हथियार होने के दावे करनेवालीं रिपोर्ट्स जारी कीं। उसके बाद, आसानी से इन्कार ना कीं जा सकनेवालीं इन खबरों का प्रभाव दिखाई देने लगा। विश्‍वभर में ३५ लाख से अधिक और अमरीका में छह लाख से अधिक लोगों की मौत का कारण बनें कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर चीन को ज़िम्मेदार करार देने के अपना कर्तव्य निभाने से अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष इन्कार कर रहे हैं, ऐसी तीखीं आलोचना कुछ विश्‍लेषकों ने की थी। इसका संज्ञान बायडेन प्रशासन को लेना ही पड़ा।

इसके बाद अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने कोरोना के उद्गम की जाँच करने का निर्णय करके अपनी गुप्तचर यंत्रणाओं को आवश्‍यक आदेश भी दिए। लेकिन, कोरोना का संक्रमण पुख्ता कहाँ से और कैसें हुआ, इस पर अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा में विवाद होने की खबरें भी इसी दौर में सामने आ रही हैं। इससे चीन का लाभ हो सकता हैं। फिर भी बायडेन ने इस महामारी की जाँच करने का निर्णय करने के बाद, चीन ने इसपर तीखीं प्रतिक्रिया दर्ज़ की हैं। इस निर्णय के पीछे राजनीतिक ताकत है और इसके ज़रिये दोष-आरोप लगाने की राजनीति हो रही हैं, ऐसी आलोचना अमरीका में स्थित चीन के दूतावास ने की है। वहीं, चीन के सरकारी माध्यम यह निर्णय कर रहीं अमरीका पर टूट पड़े हैं। चीन की जाँच करने के बजाय अमरीका की ही जैविक लैब की जाँच हो, यह माँग चीन के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने की है।

इसी बीच, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने कोरोना की जाँच करने का ऐलान करने के बाद, भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इस संक्रमण की गहराई से जाँच करने की माँग की है। चीन का सीधा ज़िक्र किए बगैर भारत ने उठाई यह माँग, चीन पर अधिक दबाव बनानेवाली साबित होती है। जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के उद्गम की जाँच करके इसकी रिपोर्ट पेश की थी। यह जाँच यानी पहला कदम है और इसके आगे की जाँच करके, इससे संबंधित पुख्ता अनुमान पेश करना काफी अहम साबित होता है, इन चुनिंदा शब्दों में भारत के विदेश मंत्रालय ने देश की भूमिका रखी।

जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के उद्गम के मुद्दे पर की हुई जाँच यानी दूसरा कुछ नहीं, बल्कि चीन को आरोपों से मुक्त करने की कोशिश थी, ऐसी आलोचना पुरे विश्‍वभर में हो रही हैं। जिनका चीन की वुहान लैब से करीबी संबंध हैं, उन्हीं को इस जाँच में शामिल करके जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने अपनी विश्‍वासार्हता खोई है, यह आलोचना हो रही है। यह वाकया यानी किसी की हत्या करनेवाले हमलावर को ही उस मामले की जाँच में शामिल करनेवाला साबित होता है, ऐसा बयान एक भारतीय विश्‍लेषक ने किया है। साथ ही, जिन देशों के साथ फिलहाल चीन के राजनयिक विवाद हो रहे हैं, उन्हीं देशों में कोरोना की अधिक तीव्र लहर कैसें उठी? यह सवाल करके इन विश्‍लेषकों ने, यह चीन ने शुरू किया हुआ जैविक युद्ध ही होने की कड़ी आशंका व्यक्त की है।

हाँगकाँग के मसले पर ब्रिटेन के साथ चीन का तनाव बढ़ा है। इसके बाद के दौर में ब्रिटेन में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचाया था। कोरोना की पहली लहर का सामना करके भारत इस महामारी के प्रभाव से मुक्त होने की स्थिति में था। भारतीय अर्थव्यवस्था भी छलांग लगाने की तैयारी में थी। ठीक उसी दौर में भारत में कोरोना की दूसरी लहर उठी और स्थिति बिगड़ी, यह सभी कुछ संदिग्धता से भरा है। इस वजह से, नैसर्गिक तरीके से फैल रहें विषाणु की तरह कोरोना का संक्रमण नहीं हो रहा है, ऐसा कहकर भारतीय विश्‍लेषक, इसके लिए चीन ही ज़िम्मेदार होने का बयान बड़े आत्मविश्‍वास से करने लगे हैं।

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