नाटो प्रमुख से बातचीत करते समय फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा तुर्की की आलोचना

पैरिस  – नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग फ्रान्स पहुँचे हैं और इसी बीच राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने नाटो को समझदारी के बोल सुनाए हैं। ‘नाटो के साथ संबंधों को नवसंजीवनी देने के लिए फ्रान्स उत्सुक है। लेकिन, इसके लिए नाटो ने अपनी प्राथमिकता स्पष्ट करना ज़रूरी है। नाटो ने अपने मूल्य, तत्व एवं नियमों का अहसास रखना काफी आवश्‍यक है’, यह उम्मीद फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने व्यक्त की। नाटो के नियम पैरों तले कुचल रहे तुर्की को लक्ष्य करने के उद्देश्‍य से राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने नाटो को यह इशारा दिया हुआ दिख रहा है।

NATO-Macron-Turkey-394x217प्रमुख सदस्यदेश फ्रान्स से प्राप्त हुआ यह इशारा नाटो के लिए काफी अहम साबित होता है। दो वर्ष पहले राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने नाटो का ज़िक्र ‘ब्रेन डेड’ संगठन के तौर पर किया था। मैक्रॉन के इस बयान पर नाटो के सदस्य देश बौखलाए थे। अमरीका, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे प्रमुख सदस्य देशों ने फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष के बयान पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त की थी। इसके बाद फ्रान्स ने नाटो के सदस्य तुर्की की कार्रवाईयों की आलोचना की थी। तभी से नाटो और फ्रान्स के संबंधों में कुछ हद तक तनाव होने की बात समझी जा रही है।

इस पृष्ठभूमि पर नाटो के महासचिव स्लोल्टनबर्ग ने फ्रान्स का दौरा करना अहम घटना बनती है। नाटो के प्रमुख ने अपने बयान में फ्रान्स के नाटो में योगदान की सराहना की। फ्रान्स की सेना, रक्षा क्षमता एवं रक्षा क्षेत्र के लिए निवेश नाटो के लिए अहम हैं, ऐसा बयान नाटो के महासचिव ने किया। साथ ही फ्रान्स द्वारा इस्टोनिया, बाल्टिक सी समेत आतंकवाद विरोधी मुहिम में हो रहा सहयोग अनमोल होने का बयान स्टॉल्टनबर्ग ने किया।

नाटो के महासचिव फ्रान्स के योगदान का ज़िक्र कर रहे थे तभी राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने फिर एक बार आलोचना का स्वर लगाया है। फ्रान्स को नाटो के साथ संबंध पहले की तरह मज़बूत करने हैं, फिर भी इसके लिए फ्रान्स को नाटो से कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण चाहिये, ऐसा मैक्रॉन ने कहा। ‘नज़दिकी दिनों में होनेवाली बैठकों में नाटो की पुख्ता भूमिका, सामरिक प्राथमिकता के मुद्दों पर राजनीति के स्तर पर खुलासा होना आवश्‍यक है। नाटो में सामंजस्यता बढ़े इस उद्देश्‍य से बैठक में कोशिश होनी चाहिये’, ऐसा मैक्रॉन ने कहा।

इस दौरान उन्होंने तुर्की का सीधे ज़िक्र किए बगैर उसकी आलोचना की। नाटो के मूल्य, तत्व एवं नियमों का सदस्य देशों को ठीक से अहसास होना चाहिये, यह इशारा फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने दिया। नाटो का सदस्य देश होने के बावजूद तुर्की ने ग्रीस, सीरिया, लीबिया एवं ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा के मुद्दे पर नाटो के खिलाफ जाकर निर्णय किए हैं। इन मुद्दों पर लगातार समझाने के बावजूद तुर्की ने अपनी भूमिका में बदलाव करने से इन्कार किया था। इसको लेकर फ्रान्स ने आक्रामक भूमिका अपनाई है और मैक्रॉन ने की हुई आलोचना इसी का हिस्सा है।

इसी बीच, फ्रान्स के रक्षाबलप्रमुख जनरल फ्रैंकॉईस लेकॉन्ट्रे ने यह बयान किया कि, ‘अमरीका-चीन के बढ़ रहे तनाव में खींचे जाने से फ्रान्स दूर रहे। भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमरीका-चीन संषर्घ केंद्रबिंदू रहेगा और इस दौरान अन्य देशों को किसी एक का पक्ष लेना होगा। फ्रान्स और यूरोपिय देशों को इस संघर्ष में उतरने की रूचि नहीं है।’ जनरल लेकॉन्ट्रे ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार के दौरान यह बयान किया है। इस मुद्दे का फ्रान्स के अमरीका से साथ जारी सहयोग से संबंध ना होने का इशारा भी फ्रेंच रक्षाबलप्रमुख ने दिया है।

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