कोरोना की महामारी रोकने के लिए लॉकडाऊन आखिरी विकल्प होना चाहिए – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश

नई दिल्ली – कोरोना की महामारी देशभर में चिंताजनक रूप में फैल रही है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशवासियों को संबोधित किया। इसके बाद १८ साल से अधिक उम्र के सभी को कोरोना का टीका लगाया जाएगा, ऐसा बताकर प्रधानमंत्री ने ऐसा विश्वास ज़ाहिर किया की इससे देश के आर्थिक विकास पर कोरोना की महामारी का असर नहीं होगा। उसी समय, कोरोना की महामारी रोकने के लिए लॉकडाऊन का इस्तेमाल आखिरी विकल्प के रूप में करें, ऐसा बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश प्रधानमंत्री ने राज्यों को दिया है। कोरोना से बचाव करते समय हमें देश की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाना है, इसका भी एहसास प्रधानमंत्री ने करा दिया।

corona-lockdownकोरोना की दूसरी लहर आई होकर, देश में प्रतिदिन पाए जानेवाले मरीजों की संख्या ढाई लाख के भी पार हो चुकी है। इसका बहुत बड़ा तनाव स्वास्थ्य यंत्रणाओं पर आया है और अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी महसूस हो रही है। इसपर उपाययोजनाएँ की जा रही हैं और आवश्यक प्रमाण में ऑक्सीजन की सप्लाई करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कदम उठाए हैं, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। उसी समय, इस महामारी के दौर में दिन-रात सेवा करनेवाले डॉक्टर्स तथा वैद्यकीय कर्मचारी, ऍम्ब्युलन्स के ड्राइवर्स, पुलिस बल इनकी प्रधानमंत्री ने सराहना की। यह महामारी रोकने के लिए जनता सहयोग करें और आवश्यक कारण के बिना घर से बाहर ना निकलें, ऐसा आवाहन प्रधानमंत्री ने किया है। साथ ही, देश में कोरोनावायरस का उत्पादन बढ़ाने के लिए चरमसीमा के प्रयास शुरू हो चुके हैं। जल्द ही १८ साल से अधिक उम्रवाले हर एक को यह टीका लगाया जाएगा, ऐसी घोषणा प्रधानमंत्री ने की।

पर अब कोरोना की महामारी के साथ मुकाबला करने के लिए विकसित हुए टीके हैं और आवश्यक वैद्यकीय साधन भी उपलब्ध हो रहे हैं। इसके लिए देश की फार्मा कंपनियों ने अपना उत्पादन बढ़ाया है, ऐसा बताकर प्रधानमंत्री ने उनका भी कौतुक किया। लेकिन ऐसा होने के बावजूद भी, कोरोना की महामारी पर नियंत्रण रखने के लिए कोशिश करते समय, उसका उपजीविका पर कम से कम असर हो ऐसे एहतियात बरतना जरूरी है, इसपर भी प्रधानमंत्री ने गौर फरमाया। कोरोना की महामारी रोकने के लिए सख़्त लॉकडाउन के बिना और कोई विकल्प ना होने के दावे कुछ लोगों द्वारा किए जाते हैं। लेकिन लॉकडाऊन के कारण कई लोगों का रोजगार खतरे में पड़ जाता है और इसके भयंकर परिणाम अर्थव्यवस्था पर होते हैं, यह भी स्पष्ट हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर, प्रधानमंत्री ने किया हुआ यह आवाहन महत्वपूर्ण साबित होता है।

कोरोना से अपना बचाव करते समय हमें इसका ख्याल रखना जरूरी है कि अर्थव्यवस्था ठप्प ना हो। लॉकडाऊन करना ही नहीं पड़ें, इसके लिए कोशिश करना बहुत आवश्यक है। इसके लिए जनता भी सहयोग करें। राज्य सरकारें लॉकडाऊन को अंतिम विकल्प के रूप में देखें। उसके बजाय माइक्रो लॉकडाउन अर्थात कोरोना का फैलाव बढ़े हुए इलाके तक ही सीमित लॉकडाऊन का विकल्प चुनें, ऐसी सलाह प्रधानमंत्री ने दी है। देश में टीकाकरण की मुहिम और रोज़गार की प्रक्रिया एक ही समय जारी रहनी चाहिए, ऐसी उम्मीद प्रधानमंत्री ने इस समय ज़ाहिर की।

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