नये ‘रॅन्समवेअर साइबरहमले’ की व्याप्ति अभूतपूर्व – ‘एफबीआय’ की चेतावनी

वॉशिंग्टन – अमरीका की ‘कसेया’ इस आईटी क्षेत्र की कंपनी पर हुए साइबर हमले की व्याप्ति अभूतपूर्व होने की चेतावनी प्रमुख जाँच यंत्रणा ‘फेडरल ब्युरो ऑफ इन्व्हेस्टिगेशन’ (एफबीआय) ने दी है। पिछले हफ्ते में ‘कसेया’ पर ‘रॅन्समवेअर’ श्रेणी का साइबर हमला किया गया होकर, उसके पीछे ‘रेव्हिल’ इस हैकर्स के गुट का हाथ होने का दावा किया जा रहा है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं को इस हमले की जाँच के आदेश दिए हैं। बायडेन और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के बीच हुई मुलाकात के कुछ ही हफ्तों में नया साइबर हमला होने के कारण यह घटना गौरतलब साबित हुई है।

पिछले हफ्ते में आईटी क्षेत्र की कंपनी ‘कसेया’ के ‘व्हीएसए’ इस सॉफ्टवेयर को लक्ष्य किया गया। यह सॉफ्टवेयर दुनिया भर की लगभग ४० हजार छोटी-बड़ी कंपनियों को सेवा प्रदान करती है। इनमें से अधिकांश कंपनियों को ‘रॅन्समवेअर’ का झटका लगा होने की जानकारी सामने आई है। पिछले दो दिनों में विभिन्न माध्यमों के जरिए दी गई जानकारी के अनुसार, कम से कम एक हज़ार कंपनियों की संगणक यंत्रणाएँ ठप हुईं हैं। स्वीडन में ‘सुपरमार्केट चेन’ होनेवाली ‘स्वीडिश कूप’ इस कंपनी का भी उसमें समावेश होकर, सभी दुकानें मजबूरन बंद करनीं पड़ीं होने का निवेदन कंपनी द्वारा दिया गया है। 

साइबर हमला सामने आने के तीन दिन बाद भी हमले की पूरी व्याप्ति सामने नहीं आई है, ऐसा बताया जाता है। अमरिकी यंत्रणा ‘एफबीआय’ ने दी चेतावनी इसी बात की ओर निर्देश करनेवाली साबित होती है। ‘हमले की व्याप्ति इतनी बड़ी है कि एफबीआय हर एक कंपनी के साथ संपर्क नहीं कर सकती। हमला हुआ है यह ध्यान में आईं कंपनियाँ अगर उस संदर्भ में जानकारी हमें बता दें, तो ही हमले की वास्तविक व्याप्ति और खतरे का अहसास होगा’, ऐसा ‘एफबीआय’ ने जताया है।

‘कसेया’ पर हमला करनेवाला ‘रेव्हिल’ यह गुट रशिया से संबंधित होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन इस मामले में अमरीका ने कोई भी जानकारी रशिया को नहीं दी है, ऐसा रशियन प्रवक्ता द्वारा बताया गया। कुछ माध्यमों ने, हैकर्स के गुटों ने विभिन्न कंपनियों के पास लगभग ७ करोड डॉलर की फिरौती की माँग की होने की खबर दी है। लेकिन उसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। इससे पहले ‘रेव्हिल’ ने अमरीका की ‘जेबीएस’ कंपनी पर साइबर हमला करके लगभग एक करोड़ डॉलर्स से अधिक फिरौती वसूल की थी, ऐसा बताया जाता है।

अमरीका में पिछले तीन महीने में सामने आया यह तीसरा बड़ा ‘रॅन्समवेअर साइबर हमला’ साबित हुआ है। इससे पहले ‘कोलोनिअल पाईपलाईन’ और ‘जेबीएस’ पर बड़े साइबर हमले हुए थे। इन हमलों के बाद ‘एफबीआय’ के प्रमुख ख्रिस्तोफर रे ने, अमरीका में हुआ ९/११ का आतंकवादी हमला और अब अमरीका पर हो रहे साइबर हमलें, इनके कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए निर्माण होनेवालीं चुनौतियाँ लगभग एक जैसीं ही हैं , ऐसा जताया था।

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