अमरिका और सौदी के सामने ईरान के मिसाइलों की चुनौती – अमरिकी समाचार पत्र का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबैरूत/दुबई: पिछले महीने में सौदी अरब के ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों के लिए ईरान ने इस्तेमाल की हुई मिसाइल अगले दिनों में अमरिका और सौदी की सुरक्षा के लिए बडी चुनौती होंगे, यह दावा वॉल स्ट्रिट जनरलइस अमरिकी प्रमुख समाचार पत्र ने किया है| पिछले कुछ वर्षों में ईरान के लष्करी सामर्थ्य में हुई बढोतरी ध्यान में रखकर अमरिका ने खाडी क्षेत्र में मिसाइल विरोधी यंत्रणा एवं अतिरिक्त सेना तैनात की है, ऐसा इस वृत्तपत्र ने कहा है| इसके लिए ईरान के नेताओं ने अपनाई रक्षा संबंधी निती की ओर वर्णित वृत्तपत्र ने ध्यान आकर्षित किया है|

ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्डस् देश की सुरक्षा के लिए अतिप्रगत हथियारों का निर्माण करें, यह आदेश ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी ने दिए है| ईरान की सुरक्षा में सबसे अधिक अहम रिव्होल्युशनरी गार्डस् का ईरान एवं ईरान के बाहर काफी बडा प्रभाव होने की बात खामेनी ने एक सभा में कही| साथ ही अमरिका के विरोध का रिव्होल्युशनरी गार्डस् को लाभ हुआ है, यह दावा भी खामेनी ने किया| खामेनी ने रिव्होल्युशनरी गार्डस् को दिए इन आदेशों की ओर अमरिका के विश्लेषक और माध्यम गंभीरता से देख रहे है|

ईरान की सियासत में प्रभाव रखनेवाले खामेनी ने किए वक्तव्य पर संज्ञान लेकर वॉल स्ट्रिट जर्नलने अमरिका और सौदी को चेतावनी दी है| वर्ष १९९८ में इराकईरान युद्ध के दौरान अमरिका ने ईरान पर हमला किया था| तभी का ईरान और वर्तमान के ईरान में जमीनअस्मान का फरक होने की बात अमरिकी समाचार पत्र ने कही है| पिछले कुछ वर्षों में ईरान ने हजारों मिसाइल प्राप्त किए है और यह मिसाइल इस्रायल, भूमध्य समुद्र तक हमला कर सकते है| वही, कुछ मिसाइल सौदी अरब की हवाई सुरक्षा यंत्रणा को भी चकमा दे सकते है, ऐसा दावा इस वृत्तपत्र ने अमरिकी अफसरों को दाखिले से किया है|

फिलहाल ईरान के रक्षा दलों में दो करोड से भी अधिक स्पेशल फोर्सेस, रिझर्व्हस् और पैरामिलिटरी फोर्सेस है| इस रक्षा तैयारी के साथ ही पिछले कुछ वर्षों में ईरान ने खाडी क्षेत्र के देशों में अपना प्रभाव काफी मात्रा में बढाया है, इस बात पर वर्णित समाचार पत्र ने ध्यान आकर्षित किया है| इनमें येमन, इराक, सीरिया और लेबनान के ईरान और ईरान से जुडे हिजबुल्लाह, हौथी एवं अन्य हथियारी गुटों का प्रभाव होने की याद इस समाचार पत्र ने दिलाई है| इस वजह से खाडी देशों में अमरिका के लष्करी अड्डे भी ईरान के हमलों से सुरक्षित नही है, ऐसा इस पत्र ने अपनी खबर में कहा है|

इसके लिए अमरिकी पत्र ने पिछले महीने में सौदी के ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों की एवं उसके बाद ईरान के अफसरों ने दिए धमकियों की याद दिलाई| सौदी के ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों के लिए ईरान जिम्मेदार होने का दावा अमरिका और सौदी कर रहे है| साथ ही इन दोनों देशों ने ईरान पर लष्करी कार्रवाई करने के संकेत भी दिए थे| पर, अन्य खाडी देशों में मौजूद हथियारी गुट एवं मिसाइलों की तैनाती करनेवाले ईरान पर हमला करना आसान नही होगा, यह दावा अमरिकी पत्र ने किया है|

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