इस्रायल को कमज़ोर करने की चाहत वाला ईरान नाकामयाब होगा – इस्रायल के नए संरक्षणमंत्री युआव गैलाँट

तेल अविव – ऐटम बम पाने के लिए ईरान की जारी कोशिशें हों या गाज़ापट्टी से इस्रायल पर होने वाले रॉकेट्स की बौछार हो, इस सबके पीछे एक ही ध्येय है, और वह है कि हर हाल में इस्रायल को कमज़ोर बनाना। मगर ईरान एवं ईरान के साथ काम करनेवाले संघटनों का यह ध्येय कभी भी पूरा नहीं हो सकता। वे नाकामयाब रहेंगे, ऐसा इशारा इस्रायल के नए संरक्षणमंत्री युआव गॅलाँट के यह विधान ध्यान आकर्षित करते हैं, ऐसा दावा इस्रायल की अखबारों ने किया है।

आयडीएफ अर्थात ’इस्रायल डिफेन्स फोर्सेस’ का कामकाज राजनीति की कक्षा में कभी भी न आए, ऐसी अपेक्षा बेनी गांत्ज़ ने व्यक्त की थी। इसके अनुसार गैलाँट ने संरक्षणमंत्री पद सूत्र स्वीकारते हुए, आयडीएफ की नीति में निरंतरता रहने की बात स्पष्ट संकेत दिए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री येर लैपिड की सरकार के बाद अब बेंजामिन नेत्यान्याहू की सरकार बन रही है तब, वर्तमान और भूतपूर्व मंत्री एकदूसरे से दूरी बनाए रखने की सियासती सावधानता बरत रहे हैं। पर भूतपूर्व सैनिकी अधिकारी बेन गांत्ज़ एवं युआव गैलाँट में बडा समन्वय होने की बात कहकरे इस्रायली अखबारों ने आयडीएफ की नीतियां एवं कार्रवाईयों में विशेष बदलाव न होने के संकेत मिल रहे हैं, ऐसा दावा किया।

संरक्षण मंत्रीपद के सूत्र हाथ में लेते हुए युआव गैलाँट ने ईरान का परमाणु कार्यक्रम एवं ईरान के लिए काम करनेवाले संघटनों द्वारा इस्रायल पर की जा रही रॉकेट्स की बौछार, इन सबके पीछे समान सूत्र होने का बात कही। किसी भी स्थिति में इस्रायल को कमजोर बनाने का ध्येय इसमें है, ऐसा कहकर गैलाँट ने ईरान की तीव्र आलोचना की। ईरान ऐटम बम पाने की कोशिश करते हुए इस्रायल के सर्वनाश की घोषणा निरंतर कर रहा है, इस ओर भी गैलाँट ने ध्यान आकर्षित किया। तथा ईरान के साथ समन्वय रखते हुए इस्रायल पर हमले करनेवाले गाज़ापट्टी के आतंकी संघटनों पर घनघोर हमले किए जाएंगे, ऐसा संरक्षणमंत्री गैलाँट ने स्पष्ट किया।

इस दौरान, ईरान के पास ऐटम बम आएं तो इस्रायल के अस्तित्व के लिए धोखा निर्माण होगा और किसी भी स्थिति में इस्रायल ऐसा होने नहीं देगा, ऐसा इशारा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने बहुत पहले दिया था। हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में चुने गए नेत्यान्याहू ने भीषण एवं जहाल मतवादी राजनैतिक पक्षों के साथ आघाडी में बहुमत हासिल किया है। इसलिए यह जहाल नेता अब प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के मंत्रीमंडल का हिस्सा बन चुके हैं और वे इस्रायल पर हमले करनेवाले पैलिस्टीनी संघटनों के अलावा ईराण के खिलाफ आक्रामक कार्रवाईयां करने के लिए अग्रसर होने की बात स्पष्ट दिख रही है। संरक्षणमंत्री गैलाँट के विधानों से ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं।

तो दूसरी ओर अपने परमाणु प्रकल्पों पर इस्रायल ने हमला किया तो इस्रायल पर हजारों रॉकेट्स एवं मिसाईलों की बौछार करके इस्रायल का दिमोना परमाणु प्रकल्प नष्ट किया जाएगा, ऐसी धमकियां ईरान दे रहा है। इसकी वजह से पर्शियन खाडी में तनाव फिर से बडे पैमाने पर बढ रहा है और ईरान में जारी निदर्शनों की वजह से इस देश की हुकूमत की आक्रामकता में अधिक बढोतरी होती हुई दिख रही है। ऐसी स्थिति में युआव गैलाँट के विधान इस क्षेत्र के तनावों में बढोतरी कर रहे हैं।

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