भारतीय इस्पात कंपनियाँ जागतिक मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएँ – केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी

नई दिल्ली – भारतीय इस्पात कंपनियाँ आंतर्राष्ट्रीय मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी प्राप्त करके इस क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करें। लेकिन इसके लिए भारतीय कंपनियों को गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार करने पर ज़ोर देना होगा, यह निवेदन केंद्रीय सड़क एवं हेवी इंडस्ट्रीज़् मंत्री नितीन गडकरी ने किया है। ‘भारतीय इस्पात उद्योग – कच्चा सामान’ इस मुद्दे पर आयोजित वेबिनार में गडकरी बोल रहे थे।

पोलाद, नितीन गडकरी

कोरोना वायरस की पृष्ठभूमि पर जागतिक अर्थव्यवस्था के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था संकट में फँसी है। भारतीय इस्पात कंपनियों को भी इस स्थिति से नुकसान हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर गडकरी ने, इस्पात कंपनियों को जागतिक मार्केट में अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए यही उचित अवसर होने की बात पर ग़ौर फ़रमाया। कोरोना वायरस की वज़ह से आये हुए संकट की ओर अवसर के रूप में देखें, ऐसा आवाहन भी गडकरी ने भारतीय इस्पात कंपनियों से किया।

भारत यह तेज़ी से बढ़नेवाली अर्थव्यवस्था है। कोरोना वायरस की वज़ह से खड़े हुए आर्थिक संकट को परास्त करने के लिए, समय आया है कि भारतीय उद्योग सकारात्मकता और आत्मविश्‍वास निर्माण करें, यह बयान केंद्रीय मंत्री ने किया। भारतीय इस्पात कंपनियाँ निर्यात पर जोर दें और आयात कम करें। इसके लिए कंपनियों को अपनी क्षमता बढ़ानी होगी। कंपनियों ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया, तो विदेशी निवेशक आकर्षित होंगे और देश में विदेशी निवेश भी बढ़ेगा, ऐसा केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा।

अगले दो वर्षों में ‘नैशनल हायवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ (एनएचएआय) सड़कें और बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए करीबन १५ लाख करोड़ रुपयों का खर्च करेगी। सड़कें और रेल पुल का बड़ी मात्रा में निर्माण कार्य होनेवाला है। इसके लिए देश में ही बड़ी मात्रा में इस्पात की ज़रूरत पड़ेगी, इसपर भी गडकरी ने ध्यान आकर्षित किया।

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