भारत, यूएई और अमरीका की सौदी से हुई चर्चा से चीन खौफ में

नई दिल्ली/दुबई – भारत, यूएई और अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की सौदी के क्राउन प्रिन्स और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान से चर्चा हुई। खाड़ी क्षेत्र में रेल सेवा शुरू करके इसे बंदरगाहों से जोड़ने के महत्वाकांक्षी प्रकल्प पर यह चारों देश काम करेंगे। इस प्रकल्प में रेल सेवा निर्माण करने का अनुभव रखने वाले भारत को विशेष अहमियत दी जाएगी। स्पष्ट तौर पर किसी ने घोषित ना किया हो, फिर भी भारत, यूएई, सौदी और अमरीका यह प्रकल्प चीन के ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनिशिटिव’ (बीआरआई) के विकल्प के तौर पर आगे बढ़ा रहे हैं, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इसपर चीन से प्रतिक्रिया भी प्राप्त हुई हैं।

सौदी अरब और ईरान की सुलह करने वाले चीन का खाड़ी क्षेत्र में काफी प्रभाव बढ़ने के दावे किए जा रहे हैं। खाड़ी क्षेत्र को लेकर अमरीका के बायडेन प्रशासन ने अपनाई बेताल नीति के कारण ही चीन को यह अवसर प्राप्त हुआ, ऐसे आरोप अमरीका के विपक्षी नेता एवं सामरिक विश्लेषक लगा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका अब खाड़ी में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए नई गतिविधियां शुरू करती दिख रही है। अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सौदी का दौरा करके क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। भारत और यूएई के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एवं सौदी के क्राउन प्रिन्स की हुई चर्चा में अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने खाड़ी क्षेत्र में बुनियादी सुविधिओं के विकास प्रकल्पों का प्रस्ताव रखने की बात कही जा रही है।

इसमें खाड़ी क्षेत्र रेल सेवा से जोड़ने की योजना हैं और इसके लिए भारत से सहायता प्राप्त की जाएगी। यह रेल सेवा बंदरगाहों से जोड़ी जाएगी और इसके ज़रिये खाड़ी देश और भारत के बीच माल की यातायात होगी। इस वजह से भारत के लिए यह प्रकल्प काफी अहम होगा। रविवार को हुई इस चर्चा का संज्ञान दुनियाभर के माध्यमों ने लिया है। चीन का खाड़ी में बढ़ता प्रभाव कम करने के लिए और चीन के ‘बीआरआई’ प्रकल्प को जवाबी चुनौती देने के लिए भारत, अमरीका, यूएई और सौदी एकत्रित होने का दावा इन माध्यमों ने किया है। इससे पहले भारत, इस्रायल, अमरीका और यूएई के ‘आईटूयूटू’ गुट का गठन किया गया था। खाड़ी क्षेत्र में चीन का प्रभाव कम करने के इरादे से यह गुट स्थापित होने के दावे किए जा रहे थे। कुछ लोगों ने इसे खाड़ी क्षेत्र के ‘क्वाड’ कहा था।

रविवार को हुई चर्चा का संज्ञान चीन लेता दिखाई दे रहा है। अमरीका ने खाड़ी क्षेत्र में रेल सेवा शुरू करने के लिए की हुई पहल यानी ‘कॉपीकैट’ होने की आलोचना चीन के शु लियांग नामक चीनी विश्लेषक ने की है। अमरीका ने खाड़ी क्षेत्र के लिए की यह पहल यानी शीतयुद्ध के दौर की मानसिकता होने की आलोचना लियांग ने की। चीन का ‘बीआरआई’ प्रकल्प इससे पुरी तरह से अलग होने का दावा भी लियांग ने किया। सौदी और ईरान के बीच चीन ने सफल मध्यस्थता करने के बाद अमरीका हड़बड़ायी हैं और खाड़ी क्षेत्र में रेल सेवा शुरू करने के लिए चर्चा कर रही है, ऐसी आलोचना वेन जिंग नामक चीनी अभ्यासक ने की।

क्वाड, ऑकस, आईटूयूटू यह सभी अमरीका ने चीन को रोकने के लिए की कोशिशों का हिस्सा होने की फटकार भी वेन जिंग ने लगाई।

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