भारत द्वारा परमाणुअस्त्रवाहक ‘अग्नि-४’ का सफल परीक्षण

बालासोर, दि. २: चीन को अपने रेंज में लानेवाले ‘अग्नि-५’ इस अन्तरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण करने के एक हफ़्ते बाद भारत ने, ‘अग्नि-४’ इस परमाणुअस्त्रवाहक प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण कर चीन को नई चेतावनी दी है|

 परमाणुअस्त्रवाहक प्रक्षेपास्त्र

सोमवार को ‘डॉ. अब्दुल कलाम आयलैण्ड’ से किया गया यह परीक्षण पिछले पाँच सालों में पाँचवा सफल परीक्षण है| चार हज़ार किलोमीटर तक मारक क्षमता के ‘अग्नि-४’ के परीक्षण में ‘नेव्हिगेशन सिस्टीम’ का इस्तेमाल किया गया था, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी| सुबह ११ बजकर ५५ मिनट पर डॉ. अब्दुल कलाम आयलैण्ड के ‘इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज’ से ‘अग्नि-४’ का सफल परीक्षण किया गया| इस ‘टू स्टेज’ प्रकार के परमाणुअस्त्रवाहक ‘बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र’ के रूप में पहचाने जानेवाले ‘अग्नि-४’ की लंबाई २० मीटर है और वजन लगभग १७ टन है|

इस परमाणुअस्त्रवाहक प्रक्षेपास्त्र में लगभग एक टन वजन का एटम बम और विस्फोटक ले जाने की क्षमता है|

सोमवार को हुए इस परीक्षण में ‘अग्नि-४’ प्रक्षेपास्त्र पर ‘फिफ्थ जनरेशन ऑनबोर्ड कॉम्प्युटर’, ‘रिंग लेझर गायरो बेस्ड् इनर्शिअल नेव्हिगेशन सिस्टम’ (रिन्स) और ‘मायक्रो नेव्हिगेटिंग सिस्टम’ (मिंग्ज) ये आधुनिक यंत्रणाएँ शामिल हैं| ‘अग्नि-४’ में चार हजार डिग्री सेंटिग्रेड से लेकर न्यूनतम ५० अंश सेंटिग्रेड तक के तापमानों में सक्रिय रहने की क्षमता है|

भारत ने इससे पहले ‘पृथ्वी-२’, ‘अग्नि-१’, ‘अग्नि-२’ इन परमाणुअस्त्रवाहक प्रक्षेपास्त्रों को विकसित किया था| साथ ही, ‘अग्नि-६’ प्रक्षेपास्त्र विकसित करने का काम भारत कर रहा है| भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम को मिल रही यह कामयाबी पाकिस्तान और चीन इन पडोसी देशों की चिंता को बढ़ानेवाली है, ऐसा दिखाई दे रहा है| खास तौर पर, चीन द्वारा भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम को गंभीरता से लिया जा रहा है और चीन की सरकारी मीडिया भारत की कडी आलोचना कर रही है|

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