भारत- जापान संरक्षण विषयक सहयोग बढ़ाएंगे

टोकियो: रक्षामंत्री अरुण जेटली जापान के दौरे पर है। डोकलाम से भारत एवं चीन में निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री जेटली ने यह जापान का किया दौरा, अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मुलाकात में दोनों देशों के संरक्षण विषयक सहयोग के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। आने वाले समय में दोनों देशों में बढ़े सहयोग के बहुत सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे, ऐसे संकेत भारत एवं जापान से दिए जा रहे हैं।

संरक्षण विषयक सहयोग

भारत के रक्षामंत्री पद पर निर्मला सीतारमन की नियुक्ति होते हुए कुछ ही दिनों पहले उनकी शपथविधी हुई थी। फिर भी नियोजित कार्यक्रम के अनुसार रक्षामंत्री जेटली जापान के दौरे पर रवाना हुए और वापस लौटते ही निर्मला सीतारमन जेटली से रक्षा मंत्री के पदभार का स्वीकार करेंगी। भारत एवं जापान के रक्षा मंत्रियों की वार्षिक चर्चा के लिए जेटली जापान में दाखिल हुए है। उस समय दोनों देशों का संरक्षण विषयक सहयोग अधिक व्यापक और दृढ़ करने पर एकमत हुआ है।

जापान के रक्षामंत्री इत्सुनोरी ओनोडेरा से रक्षा मंत्री जेटली ने चर्चा की। सन २०१४ एवं २०१५ में भारत और जापान में संरक्षण विषयक करार हुए थे। यह सहयोग अधिक गतिमान करने के लिए दोनों नेताओं ने विचार-विनिमय किया तथा अमरीका के साथ जापान का नौदल मालाबार युद्धाभ्यास में शामिल हुआ था। इसके अतिरिक्त, भारत और जापान में लष्करी सहयोग प्रस्तावित करने की बात पर दोनों देशों का एकमत हुआ है। विशेषता: दोनों देशों के नौदल एवं लश्कर में समन्वय और संवाद बढ़ाने का तथा तकनीक विषयक सहयोग बढ़ाने का आग्रह दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने किया है।

उत्तर कोरिया ने किए हाइड्रोजन बम के परीक्षण की वजह से कोरियन क्षेत्र के साथ समूचे दुनिया को बहुत बड़ा झटका लगा है। अमरीका ने हिरोशिमा एवं नागासाकी इन जापानी शहरों पर फेंके परमाणु बम से १० गुना ज्यादा तीव्रता उत्तर कोरिया के इस परिक्षण में महसूस हुई, ऐसा जापान ने कहा है। इस पृष्ठभूमि पर उत्तर कोरिया के संकट का एकता से सामना करने की घोषणा जापान एवं भारत के रक्षा मंत्री ने की है।

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