जापान की भारत के खिलाफ ‘डब्ल्यूटीओ’ में शिकायत

जीनिव्हा, दि. २५:  आयात किए जानेवाले लोहे और फ़ौलाद पर आयात दर (एमआयपी) लागू करने के मसले पर जापान ने भारत के खिलाफ विश्‍व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के पास शिकायत की है| भारत आयात माल पर जो लागू कर रहा है, वह ‘ऍन्टी डंपिग ड्यूटी’ और ‘एमआयपी’ यह आंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों के और भारत के साथ हुए मुक्त व्यापारी समझौते के अनुरूप नहीं है, ऐसा इल्ज़ाम जापान ने लगाया है|

wtoइस साल फरवरी महीने में, आयात किए जानेवालीं १७३ वस्तुओं के लिए छ: महीनों के लिए ‘एमआयपी’ निश्‍चित किया गया था| इसमें लोहा और फ़ौलाद तथा उनसे बननेवालीं अलग-अलग वस्तुएँ भी शामिल थीं| लेकिन समयसीमा ख़त्म होने के बाद इसमें फिर से बढोत्तरी की गई| फिलहाल फरवरी २०१७ तक ‘एमआयपी’ बरक़रार रहनेवाला है|

चीन, कोरिया की तरह भारत जापान से बड़ी मात्रा में फ़ौलाद की आयात करता है| आयात किए जानेवाले सस्ते माल की वजह से स्थानीय कारोबार पर बड़ी मात्रा में असर हो रहा है| इन देशों में से आयात किए जानेवाले, सस्ती क़ीमतवाले लोहे से स्थानीय उत्पादकों की चिंता बढ़ी है| इस संदर्भ में स्थानीय उत्पादकों ने सरकार के पास शिकायत की थी| इस आयात किए जानेवाले माल से स्थानीय उत्पादको की रक्षा करने की माँग की जा रही थी| इस वजह से स्थानीय उत्पादकों की एवं व्यवसाय की सुरक्षा की दृष्टि से भारत सरकार ने यह ‘एमआयपी’ लागू किया था| इसका असर जापान पर हुआ है, ऐसा कहा गया था|

भारत और जापान के बीच २०११ में मुक्त व्यापार समझौता हुआ है| साथ ही, आयात फ़ौलाद पर लगाया गया ‘एमआयपी’, आंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों अनुसार नहीं है ऐसे इल्जाम जापान ने लगाये हैं| ‘डब्ल्यूटीओ’ ने, दोनों देश ६० दिन में चर्चा से हल निकालें, ऐसा कहा है| इसके बाद भी यदि यह विवाद ख़त्म नहीं होता है, तो यह मसला ‘डब्ल्यूटीओ’ के पॅनल के जरिए निपटाया जायेगा|

भारत और जापान के बीच पिछले साल १४.५१ अरब डॉलर का व्यापार हुआ था| दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में लगातार बढोत्तरी हो रही है| व्यूहरचनात्मक दृष्टि से जापान के साथ भारत की साझेदारी बढ़ रही है, तभी दोनों देशों में यह व्यापारी समस्या निर्माण हुई है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.