अंडमान के सागर में भारत और थाईलैंड की नौसेनाओं की संयुक्त गश्त शुरू

भारत और थाईलैंडनई दिल्ली – हिंद महासागर में चीन की गतिविधियाँ बढ़ीं हैं, ऐसे में अंडमान के सागर में भारत और थाईलैंड की नौसेनाओं के बीच तीन दिन की ‘कॉर्डिनेटेड पेट्रोल’ (सीओआरपीएटी) यानी गश्त शुरू हुई है। हिंद महासागर में शांति और स्थिरता स्थापित करने के हेतु से यह गश्त आयोजित की गई है। इस गश्त के माध्यम से सागरी आतंकवाद, पायरेसी, अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी पर नज़र रखी जा रही है। पिछले ही साल बंगाल की खाड़ी में भारत, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और जापान इन ‘क्वाड’ सदस्य देशों का ‘मलाबार’ संयुक्त अभ्यास संपन्न हुआ था। यह अभ्यास हिंद महासागर में अपना प्रभाव बढ़ानेवाले चीन को चेतावनी देनेवाला था।

बुधवार से अंडमान के सागर में शुरू हुई भारत और थाईलैंड की नौसेनाओं की संयुक्त गश्त में, भारतीय नौसेना का गश्ती जहाज ‘आयएनएस शरयू’ और थाईलैंड की नौसेना का जहाज ‘थ्रबी’ और डॉर्निअर सागरी गश्ती विमान सहभागी हुए हैं। भारत और थाईलैंड की नौसेनाओं की यह ३१वीं सागरी गश्त है। सन २००५ से दोनों देशों की नौसेनाओं में हिंद महासागर में शांति स्थापित करने के लिए यह गश्त शुरू है। इससे तस्करी, अवैध स्थानांतरण पर रोक लगती है। साथ ही, समुद्र में खोज और बचाव मुहिमों के लिए यह गश्त उपयुक्त साबित होती है।

भारत और थाईलैंड की इस सागरी गस्त से दोनों देशों के बीच नौसेना सहयोग दृढ़ होगा, ऐसा विश्वास भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवाल ने ज़ाहिर किया। पिछले कुछ सालों से भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में अपना वर्चस्व और बढ़ाया है। इसी बीच, भारतीय नौसेना ‘सिक्युरिटी अँड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रिजन’ (सागर) के तहत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग दृढ़ कर रही है। इस माध्यम से प्रादेशिक सागरी सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published.