भारत-वियतनाम बिज़नेस फोरम की हुई ‘वर्चुअल’ बैठक – आसियान ‘वर्चुअल समिट’ के लिए वियतनाम ने भारत को किया आमंत्रित

नई दिल्ली – भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ और ‘ ‘इंडो-पैसिफिक’ नीति में वियतनाम बड़ा अहम साझेदार है। इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता में दोनों देशों का हित समाया है, यह बयान भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) रिवा गांगुली दास ने किया है। मंगलवार के दिन भारत-वियतनाम बिज़नेस फोरम की वर्चुअल बैठक हुई। इस दौरान रिवा गांगुली दास बोल रही थीं। इसी दौरान वियतनाम ने भारत को नवंबर में हो रही आसियान वर्चुअल समिट का निमंत्रण दिया। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव को चुनौती देने के लिए दस देशों की ‘आसियान’ संगठन खड़ी हुई है। इस वजह से भारत और आसियान देशों का बढ़ता सहयोग अहम साबित होता है।

india-vietnamमंगलवार के दिन भारत और वियतनाम के बीच हुई ‘वर्चुअल बिज़नेस फोरम’ में भारत का प्रतिनिधित्व रिवा गांगुली दास ने किया। इस दौरान व्यापार और निवेश के क्षेत्र के सहयोग पर चर्चा हुई। कृषि, स्वास्थ्य, औषधि निर्माण, ऊर्जा, बुनियादी सुविधाएं और आयटी क्षेत्र में भारत और वियतनाम को सहयोग बढ़ाने का अवसर होने का बयान दास ने किया। साथ ही भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ और ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र की नीति में वियतनाम का स्थान अहम होने का बयान करके भारत ने वियतनाम के संबंधों के लिए सर्वोच्च स्थान दिया।

वर्ष २००० में भारत और वियतनाम के बीच मात्र २० करोड़ डॉलर्स व्यापार हो रहा था। आज यही व्यापार १२.३४ अरब डॉलर्स तक जा पहुँचा है, इस ओर दास ने ध्यान आकर्षित किया। वियतनाम अब भारत के १८ वें एवं आसियान का चौथे क्रमांक का व्यापारी साझेदार देश है। साथ ही वियतनाम में भारत के २७८ विकास प्रकल्प कार्यरत हैं और भारत ने इस देश में काफी निवेश किया है। साथ ही वियतनाम ने भी भारत के औषधि, आयटी और निर्माण क्षेत्र में काफी दबाव बनाया है। इस क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग बढ़ाने पर इस समिट में सहमति हुई।

कोरोना वायरस के संकट में भी भारत और वियतनाम के संबंध मज़बूत हुए हैं। अप्रैल में भारत और वियतनाम के प्रधानमंत्रियों ने फोन पर कोरोना वायरस और भविष्य में दोनों देशों के सहयोग के मुद्दे पर विशेष चर्चा की थी। अगस्त में भारत और वियतनाम के विदेशमंत्रियों की वर्चुअल समिट भी हुई थी। इसी दौरान १३ से १५ नवंबर के दौरान वियतनाम में आसियान की वर्चुअल समिट का आयोजन हो रहा है। इस समिट के लिए वियतनाम ने भारत को आमंत्रित किया है। बीते वर्ष थायलैण्ड में हुई आसियान की समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हुई थी। भारत ने वर्ष २०२१ से २०२५ के लिए नया ‘आसियान भारत ऐक्शन प्लैन’ तैयार किया है। इस प्लैन के अनुसार भारत आसियान देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्राथमिकता दे रहा है।

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