नाकामी छिपाने के लिए ही इम्रान खान कर रहे है ‘कश्मीर’ का इस्तेमाल

इस्लामाबाद: भारत ‘पीओके’ में लष्करी कार्रवाई करने की तैयारी में होने की चिंता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने व्यक्त की है| साथ ही भारत सरकार पर आरोप जडकर भारत के परमाणु हथियार असुरक्षित हाथ में होने का आरोप इम्रान खान ने किया है| कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान ने शुरू की हुई मुहीम नाकाम होने पर परमाणु युद्ध की नई धमकियां देकर इम्रान खान इस मुद्दे पर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने की बेबसकोशिश कर रहे है, यही बात इस दौरान सामने आयी है| इसके जरिए अपनी सरकार की बडी नाकामयाबी छिपाने की कोशिश इम्रान खान कर रहे है|

प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार ने सत्ता संभलकर एक वर्ष पूरा हुआ है| इस दौरान किसी भी क्षेत्र में संतोषजनक काम करके दिखाना इस सरकार के बस में नही रहा| अपनी बडी नाकामयाबी छिपाने के लिए इम्रान खान की सरकार ने कश्मीर समस्या का इस्तेमाल शुरू किया है| इसके अनुसार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के माहिती एवं प्रसारण विभाग के सहायक मंत्री फिरदौस आशिक अवान ने सरकार ने किए काम जनता के सामने रखने का काम हम कश्मीर के लिए पीछे रख रहे है, यह ऐलान किया| कश्मीर का प्रश्‍न गंभीर होने से सियासत करना सही साबित नही होगा, यह अपनी सरकार की आदर्श भूमिका होने की बात अवान ने कही|

इम्रान खान ने भी एक हफ्ते से भारत के विरोध में मुमकिन हो उतना जहर उगलकर जहरिला अपप्रचार करने का सत्र शुरू रखा है| खुद ही भारत को परमाणु युद्ध की धमकियां देनेवाले इम्रान खान अब भारत से जवाब मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने मदद मांगने की कोशिश कर रहे है| इसके पीछे कश्मीर मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित करने के साथ ही अपनी नाकामयाबी छिपाने की कोशिश होने की बात स्पष्ट हो रही है| क्यों की पाकिस्तान में महंगाई काफी भडक चुकी है और हमने इसी के लिए इम्रान खान को सत्ता सौपी थी क्या, यह सवाल जनता पुछ रही है| ऐसे नाकाम प्रधानमंत्री के बजाए चोर प्रधानमंत्री भी बर्दाश्त होता, यह संवेदना क्रोधित हुई पाकिस्तानी महीला व्यक्त कर रही है| सोशल मीडिया पर उनकी ऐसी प्रतिक्रिया वायरल हुई है|

इसके अलावा भारत की सरकार फॅसिस्ट होने का आरोप कर रहे इम्रान खान ने अपने सियासी विरोधकों को जेल में बंद किया है, इस विरोधाभास की ओर भी ध्यान आकर्षित किया जा रहा है| उसी समय इम्रान खान कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तानी जनता को गुमराह करके स्पष्ट रूप से झुठ बोल रहे है, यह आलोचना इस देश के भूतपूर्व राजनयिक अधिकारी कर रहे है| संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में कश्मीर का प्रश्‍न उपस्थित हुआ है, इस के लिए इम्रान खान और विदेशमंत्री महमूद कुरेशी ने पाकिस्तान की जनता का अभिनंदन किया था| लेकिन, असल में चीन के अलावा सुरक्षा परिषद के अन्य चार स्थायि सदस्य और नौ अस्थायि सदस्यों ने भारत के पक्ष का ही समर्थन किया था, यह बात भूतपूर्व राजनियक अधिकारी जफर हिलाली ने स्वीकारी थी|

यह बात पाकिस्तान को बेबस करनेवाली साबित होती है, फिर भी इम्रान खान यह अपनी काफी बडी जीत होने की बात दिखा रहे है, उनकी यह हरकत देश के लिए शरम की बात होने का वक्तव्य हिलाली ने एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में किया है|

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