पाकिस्तान मुर्खों की जन्नत में ना रहें – पाकिस्तानी विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी

मुझफ्फराबाद: धारा ३७० हटाने के मुद्दे पर भारत पर आलोचना करने के बाद दुनिया भर में भारत के विरोध में प्रचार मुहीम में जुटे पाकिस्तान को अब सच्चाई का एहसास होता दिखाई दे रहा है| प्रमुख देशों के हितसंबंध भारत में होने से अब कोई भी देश भारत के विरोध में भूमिका अपनाने के लिए तैयार नही है, ऐसा पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी ने कहा है| इसी लिए इस विषय पर पाकिस्तानी एवं कश्मीरी जनता अब ‘मुर्खों की जन्नत’ में न रहें और सच्चाई का स्वीकार करें, यह निवेदन विदेशमंत्री कुरेशी ने किया| उन्होंने किए इस निवेदन के कुछ ही घंटों बाद संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने कश्मीर का मुद्दा उपस्थित करने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को यह द्विपक्षीय मुद्दा होने की बात कहकर फटकार लगाई है|

भारत ने धारा ३७० हटाकर खूद ही कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित किया है, यह दावा करके इस स्थिति का पाकिस्तान पूरा लाभ उठाएगा, यह दावे पाकिस्तान कर रहा था| इसके लिए पाकिस्तान ने बडी जोर के साथ राजनयिक तैयारी भी की थी| प्रधानमंत्री इम्रान खान ने इस मुहीम के लिए अपने सभी स्रोत इस्तेमाल करने के आदेश अपने विदेश मंत्रालय को की थी| लेकिन, बडी कोशिश करने के बावजूद पाकिस्तान को इस मोर्चे पर कामयाबी मिल नही सकी है| इस वजह से तुर्की, मलेशिया इन देशों के समर्थन पर पाकिस्तान खुद को समझा रहा है| यह पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की बडी नाकामी साबित होती है, यह आलोचना भी पाकिस्तान में शुरू हुई है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त पाकिस्तान की राजदूत मलिहा लोधी को भी इस असंतोष का झटका लगा है| न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान एक अनिवासी पाकिस्तानी नागरिक ने लोधी को पाकिस्तान का नेतृत्व करने के लिए आप काबिल नही हो, यह फटकार लगाई| आप पाकिस्तान की लूट कर रही है, यह टिपणी करके संबंधित नागरिक ने लोधी के विरोध में अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया| पाकिस्तान में भी माध्यम और जनता प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार और विदेशमंत्रालय के विरोध में ऐसी ही भावना व्यक्त कर रहे है| इसपर विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी ने शाह महमूद कुरेशी ने जवाब किया| पाकिस्तान के कब्जे में होनेवाले कश्मीर के मुझफ्फराबाद में एक वार्ता परिषद में बोलते समय उन्होंने यह जवाब दिया|

मै, कई वर्षों से सियासत कर रहा हूं| जनता की भावना भडकाना काफी आसान होता है और यह काम मैं कुछ मिनिटों में शुरू कर सकता हूं| लेकिन, इससे सवाल का हल नही निकलेगा| भारत काफी बडा बाजार है| इस्लामधर्मी देशों ने भी भारत में बडा निवेष किया है| इसीलिए यह देश भी कश्मीर के मुद्दे पर भारत को दुख हो, ऐसी भूमिका नही स्वीकारेंगे| संयुक्त राष्ट्रसंघ के स्थायि सदस्य होनेवाले अमरिका, रशिया, ब्रिटेन, फ्रान्स और चीन यह देश भी कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ नही देंगे| संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा लेकर पहुंचनेवाले पाकिस्तान का कोई भी हार पहनाकर स्वागत नही करेगा, यह इशारा भी शाह महमूद कुरेशी ने दिया|

‘इस विषय को लेकर पाकिस्तानी एवं कश्मीर की जनता मुखों की जन्नत में ना रहें, यह बेहतर होगा, ऐसा कुरेशी ने आग कहा| उनके इस विधान पर कुछ घंटे नही होते, तभी सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष पद संभाल रहे पोलैंड ने पाकिस्तान ने कश्मीर के मुद्दे पर रखी तक्रार ठुकराई थी| यह द्विपक्षीय प्रश्‍न होने की बात कहकर पोलैंड ने इस मुद्दे पर सुरक्षा परिषद में बातचीत नही हो सकती, यह कहते हुए पाकिस्तान को फटकार लगाई| इसके बाद पाकिस्तान के माध्यमों में निराशता की लहर उठती दिखाई दे रही है| अब आगे क्या? यह सवाल पाकिस्तान के विश्‍लेषक अपनी सरकार से कर रहे है|

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