रशियन युद्धनौकाओं पर हायपरसोनिक मिसाइल तैनात होंगे

russia-warship-hypersonic-missiles-3मॉस्को – अमेरिका एवं ब्रिटेन समेत अन्य नाटो देशों के साथ सागरी क्षेत्र में बारंबार होनेवाले विवादों की पृष्ठभूमि पर रशिया ने अपने नौदल की क्षमता अधिक बढ़ाने का निर्णय किया है। शुक्रवार के दिन रशियन संरक्षणदल ने युद्धनौकाओं पर हायपरसोनिक मिसाइलें तैनात करने ले करार की जानकारी दी है। इससे पूर्व, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने रशिया के शिपयार्ड्स में दो प्रगत युद्धनौकाएं एवं चार पनडुब्बियों का निर्माण जारी होने की बात जाहिर की है।

युरोपिय देशों ने नैवेल्नी काण्ड एवं युक्रेन के मुद्दे पर रशियाविरोधी भूमिका अपनाकर निर्बंध लादे हैं तथा, रशियन अधिकारियों पर जासूसी का ठिकरा फोड़कर उन्हें निकालने की घटनाएं भी घटी हैं। इसलिए रशिया एवं युरोप के संबंधों में बहुत तनाव निर्माण हुए हैं। तो, अमेरिका एवं रशिया में सायबर हमले तथा युरोप में बढ़ती हुई संरक्षा तैनाती के मुद्दे पर काफी तनाव निर्माण हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर रशिया अधिकाधिक आक्रामक होती जा रही है और संरक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर ज़ोर देने की खबरें प्राप्त हो रही हैं।

russia-warship-hypersonic-missiles-1पिछले महीने में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने रशियन नौदल की स्थापना के ३२५ वर्ष पूरे होने के अवसर पर शत्रुदेशों को जोरदार इशारा दिया है। ’रशिया एवं रशियन हितों की रक्षा के लिए रशियन नौदल पूरी तरह से सज्ज है। शत्रु पानी के नीचे, धरती पर अथवा हवा में कहीं भी हो, नौदल उसको ढूंढ़ ही लेगा। जरुरत पड़ने पर शत्रु खुदको बचा भी नहीं पाएगा ऐसा प्रहार करने में भी रशियन नौदल सक्षम है’, ऐसा पुतिन ने आगाह किया है।

इस पृष्ठभूमि पर, शुक्रवार के दिन रशियन संरक्षणदल ने किया हुआ करार महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नए करार के अनुसार अगले वर्ष से रशियन युद्धनौकाओं पर ’ज़िरकॉन’ नामक हायपरसॉनिक मिसाइलें तैनात की जाएंगी। यह मिसाइलें विमानवाहु युद्धनौकाओं को लक्ष्य करने में सक्षम होने की बात कही जा रही है। जुलाई में इस संदर्भ में परीक्षण भी कामयाब होने की जानकारी संरक्षणदल द्वारा दिया गया। मिसाइलों की तैनाती के साथ-साथ रशियन नौदल में नई युद्धनौकाएं एवं पणडुब्बियां भी शामिल होंगी, यह जानकारी प्राप्त हो रही है।

russia-warship-hypersonic-missiles-2नौदल की क्षमता बढ़ने के साथ ही ब्रिटेन में रशिया के राजदूत ने नया इशारा दिया है। ब्रिटेन ने जून महीने की तरह फिर से रशियन हद में गतिविधियां कीं तो ब्रिटेन को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, ऐसा राजदूत आंद्रे केलिन ने इशारा दिया है। जून में युद्धनौका भेजनेवाले ब्रिटेन ने रशियन नियम एवं कायदों का उल्लंघन किया था, ऐसा आरोप भे केलिन ने लगाया है। जून में, ब्रिटेन की युद्धनौका ’एचएमएस डिफेन्डर’ ने क्रिमिया के पास वाले सागरी क्षेत्र में यात्रा की थी। तब रशियन गश्तनौकाओं ने ब्रिटिश यौधनौका का पीछा करके ’वॉर्निंग शॉट्स’ दागे थे। रशिया के लढाऊ विमानों ने ब्रिटिश युद्धनौका को रोकने के लिए समुद्र में बम फेंके, ऐसा दावा भी रशियन संरक्षणदल ने किया था। परंतु ब्रिटेन ने इस संदर्भ में रशिया के सारे दावे ठुकराए थे। पर, राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इस संपूर्ण घटना के पीछे अमेरिका का उकसावा था, ऐसा आरोप लगाया था। ब्रिटिश युद्धनौका की मुहिम के बाद रशिया ने ’ब्लैक सी’ में नाटो एवं अन्य देशों के अभ्यास तथा नाविक गतिविध्यों का गंभीरता से संज्ञान लिया है। रशियन राजदूत का इशारा इसी का एक हिस्सा लग रहा है।

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