‘ग्लोबल इंटरनेट’ के साथ संपर्क तोड़कर रशिया द्वारा फिर एक बार स्वतंत्र इंटरनेट का सफल परीक्षण

global-internet-russia-1मॉस्को – रशिया ने अपने देश के इंटरनेट का जागतिक इंटरनेट के साथ रहनेवाला संपर्क तोड़कर, स्वतंत्र रशियन इंटरनेट का सफल परीक्षण किया होने की खबर ‘आरबीसी डेली’ इस रशियन अखबार ने दी है। १५ जून से १५ जुलाई इस कालावधी में यह परीक्षण किया गया होकर, इसका इस्तेमाल रशिया साइबर युद्ध में कर सकता है, ऐसा दावा इस रशियन अखबार ने किया है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने कुछ साल पहले स्वतंत्र रशियन इंटरनेट का निर्माण करने की घोषणा की थी।

रशिया के आईटी क्षेत्र की शीर्ष कंपनियाँ तथा इंटरनेट सेवा प्रदान करनेवालीं यंत्रणाएँ परीक्षण-अभ्यास में सहभागी हुईं थीं। विदेश से हो सकनेवाले हमलें, रोड़े और अन्य खतरों का मुकाबला करते समय स्वतंत्र इंटरनेट कैसे कार्यरत रह सकता है, इसकी संभावना पड़तालना यह इस अभ्यास का उद्देश्य था। इसका अधिकृत निष्कर्ष अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। लेकिन प्राथमिक निकषों के अनुसार अभ्यास सफल हुआ है। जागतिक इंटरनेट का रशियन हिस्सा तोड़ने का सफल परीक्षण इस अभ्यास में किया गया’, ऐसी जानकारी ‘आरबीसी डेली’ इस रशियन अखबार की खबर में दी गई है।

global-internet-russia-2रशियन सरकार के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव्ह ने भी अभ्यास की खबर की पुष्टि की। अभ्यास उचित समय पर आयोजित किया गया होकर, रशिया किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार है, ऐसा पेस्कोव्ह ने कहा है। रशियन यंत्रणा ‘रॉसकॉम्झॉर’ ने यह दावा किया है कि यह अभ्यास और परीक्षण रशियन इंटरनेट की बुनियादी सुविधाओं की सुरक्षा तथा दर्जे की जाँच करना इसके लिए किए गए थे।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने पहल करके सन २०१९ में ‘सॉव्हरिन रशियन इंटरनेट लॉ’ को मंजुरी दी थी। अमरीका और युरोप द्वारा इंटरनेट तथा सोशल मीडिया के रशियन हुकूमत के खिलाफ होनेवाले इस्तेमाल को मद्देनज़र रखते हुए यह महत्वकांक्षी योजना बनाई गई थी। इस कानून के अनुसार, रशिया सन २०२२ तक स्वतंत्र इंटरनेट शुरू करेगा, ऐसा बताया गया था। सन २०२० में तथा इस साल की शुरुआत में रशिया ने कुछ प्राथमिक परीक्षण भी किए थे। लेकिन १५ जून से १५ जुलाई कालावधी में हुआ अभ्यास यह स्वतंत्र इंटरनेट का सबसे बड़ा और व्यापक परीक्षण बताया जाता है।

पिछले कुछ सालों में अमरीका समेत युरोपीय देशों द्वारा साइबर हमलों के मुद्दे पर लगातार रशिया को लक्ष्य किया गया है। साइबर हमले करनेवाले हैकर्स को रशिया का समर्थन तथा आश्रय होने के आरोप पश्चिमी देशों ने किए हैं। अमरीका और ब्रिटेन जैसे देशों ने जवाब के रूप में रशिया पर साइबर हमले कराने की चेतावनी दी थी। इन देशों ने इस प्रकार की कार्रवाई की होने के दावे किए जाते हैं।

इस पृष्ठभूमि पर रशिया ने स्वतंत्र इंटरनेट की दिशा में बड़ा कदम उठाया है, ऐसा इस नए अभ्यास से दिखाई दे रहा है। भविष्य में अगर रशिया पर साइबर हमले हुए, तो भी रशिया जागतिक इंटरनेट यंत्रणा से खुद को अलग करके अपने व्यवहार जारी रख सकता है, इसकी झलक इस अभ्यास में से दी गई मानी जाती है।

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