भारत में कोरोना वैक्सीन का मानवीय परीक्षण शुरू

नई दिल्ली – ‘भारत बायोटेक’ द्वारा विकसित की हुई कोरोना वैक्सीन के पहले चरण का मानवीय परीक्षण शुरू किया गया है। देश में कोरोनावायरस का समूह संक्रमण शुरू हो गया है, ऐसा दावा किया जा रहा है; ऐसे में इस टीके का हो रहा मानवीय परीक्षण बहुत महत्त्वपूर्ण है। १५ जुलाई से ३७५ स्वयंसेवकों पर कोरोनावायरस के वैक्सीन का परीक्षण शुरू किया गया है, ऐसा सूत्र ने बताया है। आईसीएमआर ने दिल्ली के एम्स के साथ १२ संस्थाओं का चयन किया है। पहले चरण में ३७५ लोगों का परीक्षण किया जाएगा। इसमें एम्स के १०० लोग शामिल होंगे।

कोरोना वैक्सीन

हैदराबाद के भारत बायोटेक तथा ‘इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ (आईसीएमआर) की मदद से कोरोना वैक्सीन विकसित किया गया है। इस स्वदेशी टीके के जानवरों पर सफल परीक्षण के बाद, मानवीय परीक्षण के लिए सीडीएससीओ से अनुमति प्राप्त हुई है। इसके अनुसार विभिन्न राज्यों के १२ अस्पतालों में इस वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा। इसमें एआईआईएमएस दिल्ली, एआईआईएमएस पटना जैसी संस्थाएँ शामिल हैं। इस परीक्षण में स्वस्थ लोगों को शामिल किया जाएगा और १८ से ५५ वर्ष की आयु के स्वयंसेवकों पर इसका परीक्षण किया जाएगा।

भारत बायोटेक को केंद्र सरकार से कोरोनावायरस वैक्सीन के लिए तीन चरणों में मानव परीक्षण के लिए अनुमति मिली है। देश में कुल सात कंपनियाँ वैक्सीन निर्माण के कार्य में शामिल हैं। वैक्सीन की पहली खुराक के बाद स्वयंसेवकों पर होनेवाले परिणामों का निरीक्षण किया जाएगा और १४ दिनों के बाद दूसरी खुराक दी जाएगी। इस अवधि में, क्या वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव हो रहा है, इसके बारे में जाँच की जाएगी।

यदि यह परीक्षण सफल होता है, तो कोवॅक्सीन के २० करोड़ खुराकों का उत्पादन करने की हमारी तैयारी है, ऐसा भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा इला ने कहा है। इसी बीच, हरियाणा के रोहतक में ३ लोगों को यह टीका लगाया गया है। इस टीके का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है, ऐसी जानकारी विशेषज्ञों ने दी है। इसके आगे भी, टीका लगाने के बाद क्या परिणाम दिकायी देते हैं, उसका निरीक्षण किया जायेगा। इन मानवीय परीक्षणों की रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.