अफ्रीका के ‘साहेल’ क्षेत्र में आतंकवादविरोधी मुहीम के लिए फ्रान्स करेगा अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती – अफ्रीकी देशों के साथ ही यूरोप और अमरिका से भी सहयोग लेने के संकेत

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पैरिस – पश्‍चिमी अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में आतंकवादविरोधी मुहीम के लिए अतिरिक्त २२० सैनिक तैनात करने का निर्णय फ्रान्स ने किया है| इसके आगे निर्णायक कामयाबी की जरूरत है और दुसरा कोई विकल्प बचा नही है, इन शब्दों में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने इस तैनाती का समर्थन किया| फ्रान्स ने अतिरिक्त सेना तैनाती का निर्णय किया है तभी यूरोपिय देश एवं अमरिका भी साहेल में आतंकवाद विरोधी मुहीम की सहायता करें, यह निवेदन फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने किया है|

वर्ष २०१२ में उत्तरी माली में चरमपंथी गुटों ने बगावत की कोशिश की थी| यह बगावत की कोशिश नाकाम हुई है, फिर भी इस कोशिश के बाद बनी अस्थिरता की स्थिति का लाभ आतंकी संगठनों ने उठाया दिख रहा है| पिछले कुछ वर्षों में अल कायदा, आयएस और अन्सर उल इस्लाम जैसी आतंकी संगठनों ने अपना प्रभाव बढाना शुरू किया है| वर्ष २०१९ में एवं नए वर्ष में माली, नाइजेरिया और नायजर में लगातार हो रहे हमलों से इन संगठनों की ताकत में बढोतरी होने की बात दिख रही है

फ्रान्स ने इससे पहले इसी क्षेत्र में करीबन ४.५ हजार सैनिक तैनात किए है| पर, आतंकी संगठनों ने अफ्रीकी देशों के साथ फ्रान्स के लष्करी अड्डों पर भी हमलें करना शुरू किया है| साहेल क्षेत्र के देशों ने अबत की कार्रवाई और मुहीमों को बडा झटका लगा है| ऐसे में लगातार हो रहे हमलों से साहेल के देशों की सेना के पास आवश्यक प्रशिक्षण, हथियार और जानकारी की कमी होने की बात स्पष्ट हुई थी|

इसी पृष्ठभूमि पर, फ्रान्स ने अब निर्णायक कार्रवाई की तैयारी शुरू की हुई दिख रही है| पिछले दो महीनों में फ्रान्स ने स्थानिय अफ्रीकी देशों के सहयोग से हो रही गतिविधियों को गति दी थी| नवंबर महीने में ऑपरेशन बोर्गो ५नाम की संयुक्त लष्करी मुहीम में फ्रान्स के साथ अफ्रीकी देशों की जी ५ साहेल फोर्सेसके डेढ हजार सैनिक शामिल हुए थे| इसके बाद दिसंबर महीने में माली की एक बडी लष्करी कार्रवाई के दौरान ३० से भी अधिक आतंकियों को मारा गया था| इस कार्रवाई के लिए ड्रोन और हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल करने की जानकारी फ्रान्स ने साझा की थी|

पिछले दो महीने में हुई यह बडी कार्रवाईयां नई व्यापक मुहीम की पूर्वतैयारी होने की बात अब सामने आ रहीहै| फ्रान्स के पौशहर में हुई एक बैठक में राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने यही संकेत दिए है| इश दौरान उन्होंने अतिरिक्त लष्करी तैनाती के साथ ही अफ्रीकी देशों को लष्करी नजरिए से अधिक सक्षम करने के लिए प्रशिक्षण और अन्य सहायता प्रदान करने की तैयारी दिखाई है| साथ ही अफ्रीका की मुहीम के लिए यूरोपिय देश और अमरिका की सहायता प्राप्त करने की कोशिश जारी होने की बात ही कही है|

फ्रान्स पिछले दो वर्षों से अफ्रीका की मुहीम के लिए यूरोपिय देशों की सहायता प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है| पर, यूरोपिय महासंघ और प्रमुख देशों ने अभी पर अभी आवश्यक प्रतिसाद नही दिया है| यूरोपिय महासंघ ने आर्थिक सहायता के बिना अन्य सहयोग करने की तैयारी दिखाई नही है| इस वजह से फ्रान्स को यह सहायता प्राप्त करने के लिए बडी कोशिश करनी होगी, यही दिखाई दे रहा है| इसी बीच अफ्रीका में की हुई अपनी तैनाती अमरिका कम ना करें, इसके लिए भी फ्रान्स ने बातचीत शुरू की हुई दिख रही है|

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