आतंकियों पर कार्रवाई करने के मुद्दे पर ‘एफएटीएफ’ ने दिया पाकिस्तान को कडा इशारा

पैरिस – तुर्की और मलेशिया इन दो देशों को छोडकरएफएटीएफके अन्य सदस्य देशों ने पाकिस्तान को आतंकवादियों के विरोध में कडी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है| इनमें पाकिस्तान का सबसे नजदिकी मित्रदेश चीन और सौदी अरब ने भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान के कान खिंचे है| यह पाकिस्तान को लगा हुआ बडा झटका साबित हो रहा है| ‘हर बार पाकिस्तान के पक्ष में खडे होना संभव नही है, यह एहसास चीन को हुआ है, यह कहकर भारत के सेनाप्रमुख जनरल मनोज नरवणे ने चीन की बदलती भूमिका का स्वागत किया है|

आतंकियों की आर्थिक सहायता रोककर उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करनेवालों के विरोध में कडी कार्रवाई करने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ नेएफएटीएफयानी कीफायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्सगठित की है| इसी का हिस्सा होनेवालीइंटरनैशनल कोऑपरेशन रिव्ह्यू ग्रूप(आयसीआरजी) की बैठक फ्रान्स की राजधानी पैरिस में हुई| इस बैठक के दौरान पाकिस्तान ने आतंकियों के विरोध में की हुई कार्रवाई की जानकारी पेश की| पर, इससेआयसीआरजीको संतोष नही हुआ है

आयसीआरजीके सदस्य तुर्की और मलेशिया को छोडकर अन्य सभी देशों ने पाकिस्तान को कटघरे में खडा किया| पाकिस्तान तेजी के साथ हमारी १३ मांगों पर काम करके आतंकियों को हो रही आर्थिक सहायता रोक दे, यह इशाराआयसीआरजीने दिया है और इस बारे में पाकिस्तान को अंतिम चेतावनी दी गई है| आजतकएफएटीएफमें पाकिस्तान के पक्ष में खडे रहकर इस देश का बचाव करनेवाले चीन ने भी इस बैठक में पाकिस्तान को चेतावनी दी है| वही, सौदी अरब ने भी पाकिस्तान को इशारा दिया है और इन दोनों देशों की आक्रामक भूमिका पाकिस्तान की निंदे उडानेवाली साबित हो रही है|

खास तौर पर चीन से पाकिस्तान को ऐसी भूमिका की उम्मीद नही थी| चीन का समर्थन प्राप्त होगा, इसी सोच में पाकिस्तान आजतक रहा था| पर, इस बार चीन ने पाकिस्तान में विरोध में अपनाई यह भूमिका भारतीय मुत्सद्दीयों को भी चौकानेवाली है| पाकिस्तान और चीन के संबंध कुछ तनाव में होंगे या कोरोना व्हायरस के चपेट में फंसे चीन को इस बार भारत को दुखाना नही है, यही इसका मतलब बनता है, यह बात भारत के विश्लेषक कह रहे है| भारत के सेनाप्रमुख जनरल नरवणे ने भी चीन की इस बदलती भूमिका का स्वागत किया है

हर समय पाकिस्तान का बचाव करना संभव नही होगा, इसका एहसास चीन को हुआ होगा| यदिएफएटीएफजैसी आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखनेवाली संगठन पाकिस्तान पर कडी आलोचना कर रही है, तो पडोसी देशों को भी पाकिस्तान की आतंकी हरकतों पर ध्यान देना ही होगा, यह बयान जनरल नरवणे ने किया है|

जम्मूकश्मीर में आतंकी हमलों की मात्रा कम हुई है, इसके लिएएफएटीएफने पाकिस्तान पर की हुई कारवाई कारण है, यह कहकर जनरल नरवणे ने इस मुद्दे परएफएटीएफकी सराहना की|

इसी बीच, अबतकएफएटीएफने पाकिस्तान के बारे में अंतिम निर्णय नही किया है और शुक्रवार के दिन इसका ऐलान होगा, यह कहा जा रहा है| पर, फिलहाल पाकिस्तानएफएटीएफके ग्रे लिस्ट में कायम रहेगा और इस देश को आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए और एक अवसर प्राप्त होगा, यह दावे हो रहे है| फिर भी चीन जैसे देश ने पाकिस्तान को हमारा समर्थन प्राप्त होगा ही, इस सोच में ना रहें, यह इशारा दिया है और इसके काफी बडे परिणाम अगले दिनों में सामने सकते है|

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