युरोपिय महासंघ प्रतिबंध लगाकर तुर्की को सज़ा देने से दूर रहें – तुर्की के विदेशमंत्री की चेतावनी

अंकारा – युरोपिय महासंघ प्रतिबंध लगाकर तुर्की को सज़ा देने से दूर रहें, यह चेतावनी तुर्की के विदेशमंत्री मेवलुत कावुसोग्लु ने दी है। युरोप ने प्रतिबंध लगाने का निर्णय करने पर युरोप और तुर्की के संवाद पर विपरित असर होगा, यह इशारा भी तुर्की के विदेशमंत्री ने दिया है। युरोप और तुर्की के संबंधों में फिलहाल बड़ा तनाव है और ये संबंध पहले जैसे करने के लिए चर्चा जारी है। इस चर्चा के दौरान, युरोपिय महासंघ ने तुर्की के सामने, ठोस कदम उठाने की माँग रखने की बात सामने आयी है।

eu-turkey-sanctionsयुरोप और तुर्की के बीच पिछले दो वर्षों से अलग अलग मुद्दों पर तनाव निर्माण हुआ है और यह तनाव और भी बिगड़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। तुर्की ने शरणार्थियों के मुद्दों पर दी हुई धमकियाँ, युरोपिय देशों में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए शुरू की हुई गतिविधियाँ, फ्रान्स के खिलाफ की हुई आलोचना और ग्रीस एवं सायप्रस के विरोध में भूमध्य समुद्री क्षेत्र में शुरू की हुई गतिविधियाँ, ये मुद्दें इस तनाव के लिए कारण बने हैं। पिछले साल भूमध्य समुद्री क्षेत्र में ग्रीस पर दबाव बढ़ाने के लिए की हुईं कोशिशें और युद्धाभ्यास पर युरोपिय महासंघ ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने इस मुद्दे पर अपनाई आक्रामक भूमिका और उकसानेवाली बयानबाजी करने से तुर्की और युरोप के संबंधों में खराबी बढ़ती दिख रही है। युरोपिय नेताओं ने इसपर स्पष्ट चेतावनियाँ दीं हैं और आनेवाले दौर में तुर्की के साथ संबंध सामान्य होने की संभावना से इन्कार किया है। साथ ही, अमरीका ने लगाए प्रतिबंधों की वजह से तुर्की की अर्थव्यवस्था को झटके लग रहे हैं और तुर्की की हुकूमत पर दबाव बढ़ने लगा है। युरोपिय महासंघ ने भी यदि अमरीका की तरह सख्त प्रतिबंध लगायें, तो तुर्की की अर्थव्यवस्था टूटेगी और एर्दोगन की हुकूमत को झटके लग सकते हैं।

eu-turkey-sanctionsतुर्की और युरोप का द्विपक्षीय व्यापार करीबन १४० अरब यूरो से भी अधिक है और युरोप तुर्की के लिए सबसे बड़ा व्यापारी साझेदार है। तुर्की की कुल निर्यात में युरोपिय देशों का हिस्सा ४२ प्रतिशत से भी अधिक है। वहीं, तुर्की ३२ प्रतिशत से भी अधिक आयात युरोपिय देशों से ही करता है। पिछले कुछ सालों में आयात की मात्रा में बढ़ोतरी होने की बात सामने आयी है और युरोपियन बैंक और कंपनियों ने तुर्की में बड़ा निवेश किया है, यह भी कहा जा रहा हैं।

eu-turkey-sanctionsइस वजह से, बीते दो महीनों में तुर्की ने युरोपिय महासंघ के साथ मेल बिठाने की कोशिशें शुरू की हैं। युरोपिय महासंघ और तुर्की के बीच शुक्रवार के दिन हुई बैठक, इसी का हिस्सा समझा जा रहा है। लेकिन, इस बैठक में भी युरोप ने अपनी आक्रामक भूमिका बरकरार रखने की बात सामने आयी है। इससे पहले हुई बातचीत के दौरान मंजूर हुए मुद्दों पर तुर्की ने ठोस कदम उठाये दिखने चाहिए, ऐसी आक्रामक माँग महासंघ ने की है। साथ ही, तुर्की की नीति और बर्ताव में यदि बदलाव नहीं दिखाई दिया, तो प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी दी है।

महासंघ की इस आक्रामक भूमिका पर तुर्की के विदेशमंत्री ने नाराज़गी जताई है। ‘युरोपिय महासंघ ने यदि प्रतिबंध लगाने की भूमिका से पीछे हटने की तैयारी दिखाई, तो तुर्की सभी तरह के निकष पूरे करने के लिए तैयार है। लेकिन, प्रतिबंध लगाने की कोशिश की गयी, तो युरोप और तुर्की के बीच जारी संवाद पर विपरित असर हो सकता है’, यह बयान विदेशमंत्री मेवलुत कावुसोग्लु ने किया। एक ओर यह नाराज़गी व्यक्त हो रही है; वहीं, दूसरी ओर तुर्की ने सायप्रस के मुद्दे पर नई गतिविधियाँ शुरू की होने की ख़बर सामने आयी है।

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