तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष से बाल्कन देशों में कट्टरवाद का प्रसार – अमरिकी संकेत स्थल का आरोप

अंकारा / ब्रूसेल्स: तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने यूरोप में बाल्कन देशों में धार्मिक पाठशाला का उपयोग करके कट्टरवाद का प्रचार शुरू करने का आरोप अमरिका के संकेतस्थल ने किया है। इससे पहले तुर्की के राष्ट्र राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने अमरिका में ऐसे ही स्वरुप के प्रयत्न शुरू किये थे, ऐसी खबरें सामने आयी थी।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने पाश्चिमात्य देशों के विरोध में आक्रामक भूमिका अधिक से अधिक आक्रामक करनी शुरू की है। अपने सल्तनत के विरोध में हुए विद्रोह के लिए पाश्चिमात्य देशों का हाथ होने का आरोप किया था। उस समय चुनाव में लगातार विजय के पृष्ठभूमि पर सत्ता मजबूत करने में सफल हुए एर्दोगन ने तुर्की को ऑटोमन साम्राज्य के पुनर्स्थापना का ख़्वाब दिखाना शुरू किया है। इसके लिए एर्दोगन ने पाश्चिमात्य देशों में विविध मार्ग से अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए योजनाबद्ध गतिविधियां शुरू की है।

तुर्की, राष्ट्राध्यक्ष, बाल्कन देशों, कट्टरवाद का प्रसार, अमरिकी संकेत स्थल, आरोप, अंकारा, ब्रूसेल्सबाल्कन देशों में बोस्निया, अल्बेनिया, बुल्गारिया, मैसिडोनिया, कोसोवो, सर्बिया, रोमानिया, मोंटेनेग्रो, इत्यादि देशों का समावेश है। इन देशों के साथ यूरोप के अन्य कई देशों में तुर्की वंश के नागरिकों की बड़ी संख्या है। इसका फायदा लेकर एर्दोगन कट्टरवाद का प्रसार कर रहे है, ऐसा आरोप अमरिकी संकेत स्थल ने किया है।

इसके लिए तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष बाल्कन देशों में धार्मिक पाठशाला का प्रभावी रूप से उपयोग करने का आरोप संकेत स्थल ने किया है। कुछ महीनों पहले हुए चुनाव की पृष्ठभूमि पर एर्दोगन ने प्रचार के निमित्त से बाल्कन क्षेत्र में कई देशों की भेंट बढ़ाई थी। उसमें अल्बेनिया, बोस्निया जैसे देशों का समावेश है। बोस्निया में एर्दोगन ने अपने पक्ष का स्वतंत्र कार्यालय खोलने की बात सामने आई है।

तुर्की, राष्ट्राध्यक्ष, बाल्कन देशों, कट्टरवाद का प्रसार, अमरिकी संकेत स्थल, आरोप, अंकारा, ब्रूसेल्सराष्ट्रीय राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन इनके चुनाव के बाद शपथविधि कार्यक्रम में अनेक बाल्कन देशों के नेता उपस्थित थे। यह बात यूरोप के अनेक देशों को तथा अभ्यासको को झटका देने वाली मानी गई। यूरोप के अन्य देशों ने तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष से शुरू इस कार्यवाहियों के विरोध में आक्रामक प्रत्युत्तर दिया था।

कई महीनों पहले ऑस्ट्रिया ने इस्लाम धर्मियों के विरोध में ७ प्रार्थना स्थल पर बंदी का तथा ४० धर्मगुरु को बाहर खदेड़ने का निर्णय घोषित किया था। धर्मगुरु तुर्की के ‘तुर्किश इस्लामिक कल्चरल एसोसिएशन’ की संघटना का हिस्सा होने की बात सामने आई थी। ऑस्ट्रिया के राष्ट्राध्यक्ष कर्झ ने इसके के लिए पहल की थी तथा जर्मनी, नेदरलैंड जैसे देशों ने एर्दोगन को प्रचार के लिए आने के लिए बंदी की है।

पर तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष बाल्कन देशों को लक्ष्य करते हुए इन देशों में आर्थिक सहायता का लालच आगे दिखाकर उसके पीछे कट्टरवाद का प्रसार करने की योजना कार्यान्वित कर रहे हैं। बाल्कन क्षेत्र में कई देशों में तुर्की के पहल से धार्मिक पाठशाला तथा संस्थाओं का निर्माण शुरू हुआ है और उसके लिए बड़े तादाब में निधि प्रदान की जा रही है, ऐसी बात सामने आई है।

इसके लिए अमरिका के संकेत स्थल ने किया इन आरोपों को गंभीरता से देखा जा रहा है।

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