अमरीकी राष्ट्राध्यक्ष जल्द ही अफ़गानिस्तान की निति घोषित करेंगे

·    अफगान निति में भारत को समाविष्ट करने के संकेत
·    सिनेटर जॉन मैक्केन से स्वतंत्र निति का प्रस्ताव

वॉशिंगटन / काबुल: अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने जल्द ही अफ़गानिस्तान की निति घोषित करने का बयान दिया है। अफ़गानिस्तान का निर्णय अपने लिए बहुत बड़ा होगा यह कहते हुए अपना प्रशासन इस सन्दर्भ में समीक्षा कर रहा है यह भी बताया। इस समीक्षा में भारत के सहयोग का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान के विरोध में कठोर भूमिका के संकेत दिए गए। ट्रम्प के इस घोषणा की पृष्ठभूमि पर रिपब्लिकन पक्ष के सिनेटर जॉन मॅक्केनने अफ़गानिस्तान के सन्दर्भ में स्वतंत्र निति का प्रस्ताव पेश किया है जिसमे लष्कर के साथ नागरिक सहयोग का भी उल्लेख है।

अमरीका में कुछ महीनों से अफ़गानिस्तान के युद्ध के सन्दर्भ में ठोस निति तय करने का प्रयत्न शुरू है।अमरीका के लष्करी एवं राजनीतिक दायरे के वरिष्ठ नेताओंने अफ़गानिस्तान का मुआइना करने पर अफ़गानिस्तान के विषय में अनेक संभावना सामने आ रही है। इस पृष्ठभूमि पर गुरुवार के दिन राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्पने किया वक्तव्य महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

अफ़गानिस्तान की निति“अमरीका जल्द ही अफ़गानिस्तान निति घोषित करेगा। यह मेरे लिए बहुत बड़ा निर्णय होगा। मैंने जब सूत्रों को हाथ लिया तब अफ़गानिस्तान में खलबली मची थी और यह खलबली कम करने के प्रयत्न हो रहे है। अफ़गानिस्तान का युद्ध १७ सालों से चल रहा है और अमरीका के लिए यह सर्वाधिक समय चला युद्ध है। अब इसपर जल्द ही निर्णय होगा” यह विश्वास राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्पने व्यक्त किया।

ट्रम्प के इस घोषणा पर विदेश विभाग ने अफ़गान निति की समीक्षा करने का काम शुरू करने की बात को स्पष्ट किया है। राष्ट्राध्यक्ष की राष्ट्रीय सुरक्षा पथक के साथी लगातार चर्चा शुरू है। विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन का भी उसमे सहयोग है। नयी निति केवल अफ़गानिस्तान के लिए उपाय नहीं होगा बल्कि इस बार निति निर्माणाधीन भारत और पाकिस्तान का भी विचार किया जायेगा। साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर उपाय ढूंढने का भी प्रयास किया जाएगा’ यह जानकारी विदेश विभाग की प्रवक्ता हिथर नोर्टने दी।

ट्रम्प और नोर्ट के बयान से पहले अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर जॉन मॅक्केन ने अफ़गान निति के मुद्दे पर स्वतंत्र निति का प्रस्ताव घोषित किया। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को आवेदन देने के बाद भी उन्होंने नयी निति घोषित न करने पर हमने स्वतंत्र प्रस्ताव पेश करने की बात जॉन मॅक्केनने कही। अफ़गानिस्तान आनेवाले समय में कभी आतंकियों का आश्रयस्थान नहीं बनेगा यह उद्देश्य ध्यान में रखकर यह नया प्रस्ताव तैयार करने की बात स्पष्ट की। फ़िलहाल अफ़गानिस्तान में अमरीका के ८४०० सैनिक तैनात है।

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