उत्तर कोरिया तथा चीन के बीच के फ़ासले अधिक चौड़े हुए

बीजिंग/वॉशिंगटन/सेउल: उत्तर कोरिया सीधे अमरीका को ही परमाणुयुद्ध की चेतावनी देते हुए देख, चीन ने उत्तर कोरिया को कडी चेतावनी दी थी। उत्तर कोरिया अमरीका पर हमला करने की नासमझी अपने खुद की जिम्मेदारी पर करे, उससे चीन का संबंध नहीं होगा, ऐसा चीन ने उत्तर कोरिया को स्पष्ट कर दिया है। उसी तरह उत्तर कोरिया से आनेवाले व्यावसायिक आयत पर चीन ने प्रतिबंध लगा दिए है। इस कारण आज तक उत्तर कोरिया का समर्थन करने वाले चीन व उत्तर कोरिया के संबंध पतित होने का प्रस्तुत हो रहा था और इसी पृष्ठभूमि पर उत्तर कोरिया ने चीन में स्तिथ राजदूतोंको लौटने के लिए कहा है।

चीन के साथ रशिया तथा संयुक्त राष्ट्रसंघ में स्तिथ अपने राजदूतों को वापिस बुलाकर उत्तर कोरिया ने तनाव अधिक बढ़ा दिया है। ‘सीआयए’ के भूतपूर्व प्रमुख माईक पोम्पियो ने उत्तर कोरिया एक और प्रक्षेपास्त्र परिक्षण कर सकता है, ऐसे संकेत दिए है और यदि ऐसा हुआ तो हमे कोई अचरज नहीं होगा, ऐसा कहा है। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका ने उत्तर कोरिया को अंतिम चेतावनी देने के पश्चात अमरीका एवं चीन के बीच उत्तर कोरिया की तानाशाही के विरोध में मतैक्य होने की जानकारी सामने आ रही है।

रशिया ने भी उत्तर कोरिया अपने प्रक्षेपास्त्र परिक्षण तथा युद्ध करने के इरादे को तुरंत त्याग दे ऐसी चेतावनी दी थी। साथ ही अमरीका पर हमला करने की मुर्खता की तो उसकी जिम्मेदारी संपूर्ण रूप से उत्तर कोरिया की ही रहेगी, उससे चीन का कोई संबंध नहीं होगा ऐसी चेतावनी दी थी। तभी सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का पालन करते हुए उत्तर कोरिया से आने वाले कोयले, लोह तथा मच्छी की आयात को पूरी तरह से बंद करने का चीन के व्यवसाय मंत्रालय ने अपने वेबसाइट पर घोषित किया है। इससे पहले फ़रवरी महीने में चीन ने उत्तर कोरिया के आयत पर प्रतिबंद का ऐलान किया था। पर इसबार चीन ने अधिक कठोर भूमिका ली है।

एकही समय चीन, रशिया तथा अन्य प्रमुख देशों से आनेवाली चेतावनियों की पृष्ठभूमि पर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने चीन के साथ रशिया तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के राजदूतों को लौटने के लिए कहा। इन राजदूतों की विशेष बैठक राजधानी प्योंगयांग में शुरू होने का बताया जा रहा है। अपनी गोपनीयता के लिए जाने जाने वाले उत्तर कोरियन प्रशासन ने इस बैठक की जानकारी प्रस्तुत नहीं की है। परंतु उत्तर कोरिया आने वाले दिनों में और एक प्रक्षेपास्त्र परिक्षण कर सकता है, ऐसा दावा अमरीका की खुफिया यंत्रणा एवं दक्षिण कोरिया की लष्कर कर रही है। इस पृष्ठभूमि पर उत्तर कोरिया ने प्रक्षेपास्त्र परिक्षण के पश्चात होने वाली घटनाओं पर चर्चा करने के लिए चीन, रशिया जैसे प्रमुख देशों के राजदूतों को वापिस बुलाने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

उत्तर कोरिया के विरोध में युद्ध का आरंभ न करें- दक्षिण कोरिया का अमरीका को निवेदन

सेउल दि. १४ (वृत्संस्था) – ‘कोरियन क्षेत्र में जारी उथल-पुथल के कारण इस क्षेत्र में युद्ध का आरंभ न हो। उत्तर कोरिया का परमाणु प्रश्न शांति से सुलझाना चाहिए ऐसा निवेदन दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष ‘मून जे-इन’ ने किया है।

चर्चा का प्रस्ताव देकर उत्तर कोरिया से अमरीका को परमाणु युद्ध तथा प्रक्षेपास्त्र हमले की चेतावानियाँ दी गयी थी। उसके पश्चात अमरीका ने उत्तर कोरिया के विरोध में युद्ध की पूर्ण तैयारी होने की घोषणा की है। इस पृष्ठभूमि पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष ने अमरीका को उत्तर कोरिया के विरोध में युद्ध न करने का निवेदन करने का बताया जा रहा है।

 

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