चीन की लॅब में से ही कोरोनावायरस दुनियाभर में फ़ैला – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प

वॉशिंग्टन – ‘वुहान के चमगादड़ (बॅट) के कारण कोरोनावायरस का प्रसार हुआ, ऐसा दावा चीन कर रहा है। यह चमगादड़ वुहान से ४० मील तक की दूरी तक भी नहीं था। अर्थात् वह वुहान के फिश मार्केट में बिक्री ले लिए आया ही नहीं था, इसे ध्यान में लेना होगा। बल्कि प्राथमिक जाँच में कोरोनावायरस वुहान की लॅब में से ही बाहर आया होने की बात स्पष्ट हो रही है’, ऐसे ठेंठ शब्दों में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर हमला किया। इतना ही बहीं, बल्कि अमरीका से भी कई गुना अधिक जानें इस महामारी ने चीन में लीं हैं। लेकिन चीन इस मामले में बहुत कुछ छिपा रहा है, ऐसी आलोचना राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने की है।

कोरोनावायरस यह चीन का जैविकशस्त्र होकर, चीन ने सारी दुनिया पर इसका प्रयोग किया है, ऐसे आरोप शुरू हुए हैं। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने खुले आम वैसे संकेत दिये थे। ब्रिटन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, तैवान इन देशों ने भी इस प्रकार का शक़ ज़ाहिर किया है। शुक्रवार को व्हाईट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस मामले में चीन पर ठेंठ हमला किया। विषाणुग्रस्त चमगादड़ वुहान के फिश मार्केट में बिक्री के लिए आया और इस मार्ग से कोरोनावायरस का प्रसार हुआ, ऐसा दावा चीन कर रहा है। लेकिन ट्रम्प ने यह दावा पूरी तरह ठुकरा दिया।

वुहान के लगभग ४० मील की दूरी तक चमगादड़ नहीं हैं, इसका एहसास कराके राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने चीन के इस दावे का मज़ाक उड़ाया। प्राथमिक जाँच में वुहान की लॅब में से ही यह वायरस बाहर निकला होने की बात स्पष्ट हो रही है, ऐसा ट्रम्प ने कहा। वुहान की इस लॅब के लिए, अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने घोषित की हुई लगभग ३७ लाख डॉलर्स की निधि भी रद करने का फ़ैसला राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया है। उनके इस निर्णय को अमेरिकन संसद के सदस्यों ने समर्थन घोषित किया है और आनेवाले समय में चीन की इस लॅब को अधिक निधि नहीं मिलेगी यह सुनिश्चित कर लो, ऐसी विनती इन संसद सदस्यों ने प्रशासन से की है।

कोरोनावायरस की सर्वाधिक जानें गया हुआ देश, ऐसी अमरीका की पहचान बनी होकर, अमरीका में इस महामारी से अड़तीस हज़ार लोग मारे जा चुके हैं। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को यह बात मान्य नहीं है। इस महामारी से अमरीका में जान गँवा चुके लोगों से भारी मात्रा में चीन में जाने गयीं हैं। लेकिन चीन इस बारे में जानकारी साझा करने के लिए तैयार नहीं है, इसपर ट्रम्प ने ग़ौर फ़रमाया। पिछले कुछ दिनों में, अपने देश की मौतों की संख्या में दोगुना बढ़ोतरी हुई है ऐसा चीन बता तो रहा है; लेकिन चीन में मृतकों की संख्या जितनी बतायी जा रही है, उससे दरअसल कई गुना अधिक है, ऐसा दावा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने किया।

अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने भी, चीन कोरोनावायरस की महामारी के संदर्भ में अपने आपको आरोपमुक्त कर लेने के लिए कोशिश करें, ऐसा आवाहन किया था। वहीं, शुक्रवार को ही ब्रिटन के विदेशमंत्री डॉमनिक राब ने, यदि कोरोनावायरस की महामारी ख़त्म भी हुई, तो भी ब्रिटन और चीन के बीच के संबंध पहले जैसे होनेवाले नहीं हैं, इसका यक़ीन दिलाया था। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि अमरीका, ब्रिटन ने चीन के विरोध में खुलेआम भूमिका अपनाने की शुरुआत की होकर, आनेवाले समय में इन दोनों देशों से चीन पर होनेवाली आलोचना अधिक से अधिक तीव्र होती जायेगी।

चीन ने यदि अपेक्षित भूमिका नहीं अपनायी, तो राजनैतिक स्तर पर का संघर्ष अटल है और उसका अंजाम आर्थिक संघर्ष में भी हो सकता है, इसका स्पष्ट एहसास अमरीका, ब्रिटन जैसे देश चीन को विभिन्न मार्गों से करा रहे हैं। अब तक चीन को भी इसका एहसास हो चुका है। इसी कारण, चीन उसपर होनेवाली इस आलोचना का जवाब देते समय आक्रमक भाषा का प्रयोग टाल रहा दिखायी देता है।

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