‘कोरोना’ संकट के दौरान पाकिस्तान की सरकार अपनी जनता से अधिक अर्थव्यवस्था को ज़्यादा अहमियत दे रही है – माध्यमों की आलोचना

इस्लामाबाद – पाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित १४३ लोगों की मौत हुई है और ७,५०० से अधिक इस महामारी से संक्रमित होने की बात कही जा रही है। लेकिन पाकिस्तान द्वारा दिए जा रहें ये आँकड़ें गुमराह करनेवाले हैं। सिर्फ कराची में ही अबतक करीबन चार सौ लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है, ऐसी जानकारी पाकिस्तानी पत्रकार दे रहे हैं। इसके अलावा यह महामारी आनेवाले दिनों में पाकिस्तान में कोहराम मचाएगी, यह चिंता भी ये पत्रकार व्यक्त कर रहें हैं। लेकिन पाकिस्तान की सरकार अपने नागरिकों की जान से भी अधिक अर्थव्यवस्था की अधिक फिक्र कर रही हैं। इस महामारी के फैलाव के दौरान, अपना कर्जा माफ़ कराने की तैयारी में सरकार जुटी है, ऐसी कड़ी आलोचना पाकिस्तान में होने लगी है।

पाकिस्तान के सभी प्रांतों में कोरोना की महामारी का प्रवेश हुआ है और इस महामारी का फैलाव काफी डरावनी मात्रा में बढ रहा हैं। सिंध प्रांत में स्थित कराची शहर में यानी पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी समझे जा रहे इस शहर में कोरोना वायरस की महामारी काफी हाहाकार मचा रही है और इस महामारी से संक्रमित कम से कम चार सौ लोगों की इसी शहर में मौत हुई है, यह दावा पत्रकार कर रहे हैं। लेकिन सरकार यह दावा स्वीकारने के लिए तैयार नही है और इससे जुड़ी सच्चाई छिपाने का रवैया ही सरकार ने अपनाया है। यह महामारी कोहराम मचा रही है और ऐसे में पाकिस्तान की सरकार लॉकडाउन में राहत देकर आर्थिक व्यवहारों को गति देने की कोशिश कर रही है। यह स्थिति सबसे अधिक ख़तरनाक है। पाकिस्तान की सरकार जनता की जान से भी अधिक अर्थव्यवस्था को अधिक अहमियत दे रही है, यही बात इससे साबित हो रही है, ऐसी आलोचना माध्यमों से होने लगी है।

कोरोना वायरस का संकट डरावना स्वरूप प्राप्त कर रहा है और ऐसे में पाकिस्तान की सरकार और इस सरकार का पक्ष रखनेवाले कुछ लोग अभी आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष, वैश्‍विक बैंक एवं एशियन डेवलपमेंट बैंक इनसे प्राप्त हुए नए कर्ज एवं कर्ज का भुगतान करने में प्राप्त हुई सहूलियत पर संतोष व्यक्त कर रहें हैं। प्रधानमंत्री इम्रान खान ने किए निवेदन पर आंतर्राष्ट्रीय वित्त संस्थाओं ने प्रतिसाद दिया है, यह कहकर उनके समर्थक अपने ही प्रधानमंत्री की पीठ थपथपा रहे हैं। लेकिन इस कर्ज का भी भुगतान करना होगा, इसका भान पाकिस्तान नहीं रख रहा है, यह बयान पाकिस्तान की सरकार के आलोचक कर रहे हैं।

पाकिस्तान के लिए कोरोना वायरस से भी अधिक, ग़रीबी एवं भूखमरी का संकट ज्यादा डरावना साबित होगा, यह बात प्रधानमंत्री इम्रान खान बार बार कह रहे हैं। इसी वजह से लॉकडाउन या सोशल डिस्टंसिंग से भी ज़्यादा, पाकिस्तान के आर्थिक व्यवहार शुरू रहें, इसे ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अहमियत दे रहे हैं। इसके गंभीर परिणाम जल्द ही दिखाई देने लगेंगे और गिनना मुश्‍किल हों इतनी संख्या में पाकिस्तान में शव दिखाई देंगे, यह चिंता पाकिस्तान के कुछ पत्रकार और विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। इस स्थिति को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान की गैरजिम्मेदाराना नीति ज़िम्मेदार रहेगी, यह चेतावनी भी इन पत्रकार एवं विश्‍लेषकों ने दी है।

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