‘ऑपरेशन क्लिनअप’ के तहेत चीन के सैनिक हॉंगकॉंग के रास्तों पर उतरें – उनका प्रतिकार करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने ‘पेट्रोल बम’ और ‘तीर’ का प्रयोग किया

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरहॉंगकॉंग: हॉंगकॉंग में शुरू प्रदर्शनों के मुद्दे पर चीन और पश्चिमी देशों में बना तनाव और भी बढ रहा है| ऐसे में शनिवार के दिन चीन की सेना हॉंगकॉंग के रास्ते पर उतरी| हॉंगकॉंग में तैनात चीन की सेना शहर में एक विद्यापीठ के क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों ने किए नुकसान की सफाई करने के लिए उतरी है| शहर मेंऑपरेशन क्लीनअपके लिए सेना की फौज ने स्वयं ही पहल की है, यह दावे भी हो रहे है| पर फिर भी चीन की सेना का हॉंगकॉंग में सरेआम प्रवेश करना ध्यान आकर्षित कर रहा है|

पिछले कुछ महीनों से हॉंगकॉंग में चीन के विरोध में प्रदर्शन शुरू है और प्रदर्शनकारियों ने शहर प्रशासन एवं सुरक्षा यंत्रणा को काफी परेशान किया है| साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ रहा दबाव और हॉंगकॉंग शहर की मलिन हो रही प्रतिमा की वजह से चीन की हुकूमत भी मुश्किलों में फंसने के संकेत प्राप्त हुए है| राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने लगातार कार्रवाई करने की चेतावनी देने के बावजूद भी प्रदर्शनकारी पीछे हटने के बजाए और भी आक्रामक हो रहे है|

इस पृष्ठभूमि पर चीन के सत्तापक्ष कम्युनिस्ट पार्टी के एक गुट ने अब हॉंगकॉंग में सीधे कार्रवाई करने का समय आया है, यह भूमिका अपनाई है| पिछले महीने में सत्तापक्ष कम्युनिस्ट पार्टी की अहम बैठक होने के बाद हॉंगकॉंग के लिए खास स्वतंत्र प्लैन तैयार किया गया है| इस प्लैन में फिलहाल हॉंगकॉंग में हो रहे प्रदर्शन चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा से जोडकर कार्रवाई करने का प्रस्ताव भी है| शनिवार के दिन हॉंगकॉंग के रास्तों में चीन की लष्करी सैनिक नागरी कपडों में उतरकर काम करते दिखाई देना उनकी मुहीम के पूर्व संकेत होने की बात समझी जा रही है|

मार्च महीने के दौरान युवा छात्राओं का गुट और जनतंत्र के समर्थक दलों ने शुरू किया यह प्रदर्शन अब व्यापक हुए है| शहर के सरकारी एवं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों से वकील, डाक्टर्स और स्कूली बच्चों के गुट भी इस प्रदर्शनों में शामिल हुए है| शुरू के दिनों में प्रशासन ने तय किए जगह में ही हो रहे इन प्रदर्शनों में अब शहर का करीबन पूरा हिस्सा काबिज किया है| प्रदर्शनों के शुरू में रखी गई पांचों मांगे मंजूर हुए बिना पीछे हटना नही है, यह बात इन प्रदर्शनकारियों ने तय की है और इसके लिए अलग अलग प्रावधान किए जा रहे है|

शनिवार एवं रविवार के दिन प्रदर्शनकारियों के आक्रामक गुट ने पुलिस के विरोध में पेट्रोल बम फेंककरतीरभी चलाए| ऐसे में पुलिस की हिंसा नियंत्रण के बाहर गई है, यह आरोप करके आत्मरक्षा के लिए प्रदर्शनकारी आक्रामक निती अपना रहे है, यह बात प्रदर्शनकारियों के गुट कह रहे है|

हॉंगकॉंग प्रशासन और पुलिस ने अब इस प्रदर्शन की संभावना अराजकता एवं आतंकवाद की ओर झुकाव दिखानेवाली आक्रामक हरकतें के तौर पर होना शुरू हुआ है| पुलिस की कार्रवाई भी और भी तीव्र हो रही है और पत्रकार एवं छात्राओं पर बेझिझक हथियार चलाए जा रहे है| इस वजह से पुलिस के विरोध में असंतोष भी बढ रहा है और प्रदर्शनकारियों के कुछ गुटों की सुरक्षा यंत्रणाओं के साथ मुठभेड होेने की मात्रा भी बढी है| अबतक ऐसी मुठभेडों में सैकडों प्रदर्शनकारी जख्मी हुए है और सुरक्षायंत्रणाओं ने तीन हजार से भी अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है|

हॉंगकॉंग में लष्करी कार्रवाई करने के लिए प्रशासन की अनुमति जरूरी है, फिर भी इसके बगैर आपत्कालिन प्रावधान का इस्तेमाल होने की संभावना से इन्कार नही हो सकता| हॉंगकॉंग में लष्करी कार्रवाई हुई तो इसके विरोध में चीन पर दबाव बनाने की तैयारी अमरिकी संसद ने पहले ही शुरू की है और इसमें ब्रिटेन समेत अन्य यूरोपिय देश भी शामिल हो सकते है|

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