चीन की माउंट एवरेस्ट पर ‘सेपरेशन लाईन’ खींचने की तैयारी

बीजिंग, दि. १० (वृत्तसंस्था) – जिस चीन से कोरोना की महामारी दुनिया भर में फैली, वही चीन अब माउंट एवरेस्ट पर आनेवाले पर्वतारोहियों के जरिए अपने देश में कोरोना ना आयें, इसलिए ‘सेपरेशन लाईन’ खींचने की तैयारी कर रहा है। नेपाल की सीमा सटे हुए इस भाग में चीन खींच रहा यह लाइन यानी नेपाल की भूमि हथियाने की चीन की नई साज़िश दिख रही है। फिलहाल नेपाल में राजनीतिक संकट बना होकर, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई है। इसका फायदा उठाकर चीन ने इसके लिए पहल की होने की बात सामने आ रही है।

China-Mount-everest-394x217माउंट एवरेस्ट पर आरोहण करने के लिए आनेवाले विदेशी पर्वतारोहियों के जरिए चीन में कोरोना फैलने का खतरा है, ऐसा हास्यास्पद बहाना चीन ने बनाया है। इस फैलाव को रोकने के लिए तिब्बत के गाइड्स का इस्तेमाल करके, चीन यह सेपरेशन लाइन खींचनेवाला है। इसके लिए क्या नेपाल से सहमति ली जाएगी, यह घोषित करने की तकलीफ भी चीन ने नहीं उठाई है। इसलिए यह सेपरेशन लाइन एकतरफ़ा होगी और चीन इसके माध्यम से मनचाहा भाग चीन से जोड़ सकता है। इसपर नेपाल से प्रतिक्रिया नहीं आई है। फिलहाल इस देश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि पर, इसपर ध्यान देना नेपाल के लिए मुमकिन भी नहीं है।

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली शर्मा की सरकार ने बहुमत गँवाया होकर, उनकी सरकार गिर गई है। नई सरकार सत्ता में आकर कारोबार शुरू करने तक काफी समय बीत सकता है। उसी में नेपाल में कोरोना की महामारी बड़े पैमाने पर फैल रही है। चीन के सरकारी माध्यमों में इसकी खबरों पर काफी चर्चा हुई थी, उसके पीछे चीन की रणनीति होने की बात अब सामने आ रही है। नेपाल में फैला कोरोना, माउंट एवरेस्ट के पर्वतारोहियों के ज़रिए चीन में दाखिल होगा, ऐसा बता कर चीन खींच रहा यह सेपरेशन लाइन, यह व्यवहार्य बात नहीं है, ऐसा नेपाल के ही एक पर्वतारोही विशेषज्ञ ने कहा है।

पर्वत श्रेणी में इस प्रकार की रेखा खींचना यह असंभव किस्म की बात है, ऐसा इन विशेषज्ञ का कहना है। इस कारण चीन की इन गतिविधियों पर शक़ अधिक ही बढ़ रहा है। लेकिन नेपाल के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पर प्रतिक्रिया देना टाला है। कुछ महीने पहले चीन ने नेपाल के कुछ गाँवों पर कब्ज़ा करके, ये गाँव अपने भूभाग को जोड़ लिए थे। लेकिन उस समय प्रधानमंत्री के पी होली शर्मा ने चीन का विरोध करना टाला था। शर्मा ओली ये चीन के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं, ऐसा आरोप नेपाल में हो रहा है। उस पृष्ठभूमि पर, उन्होंने चीन के अतिक्रमण को अनदेखा करना यह गौरतलब बात साबित होती है।

चीन की घुसपैठ को अनदेखा करनेवाले ओली शर्मा, भारत के साथ सीमा विवाद छेड़ने के लिए तैयार हुए थे। लेकिन कुछ समय बाद चीन से होनेवाला खतरा बढ़ने के बाद, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत के साथ संबंध सुधारने के लिए कदम उठाए थे। लेकिन चीन के साथ उनके चरम सहयोग की गंभीर क़ीमत नेपाल को चुकानी पड़ेगी, ऐसा अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। माउंट एवरेस्ट के संदर्भ में चीन ने की घोषणा इसी की गवाही दे रही है।

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