चीन की बढ़ती दखलअंदाज़ी के विरोध में नेपाल में हुए प्रदर्शन

नई दिल्ली – नेपाल के अंदरूनि मामलों में चीन की दखलअंदाज़ी बढ़ रही है और प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा की कुर्सी बचाने के लिए नेपाल में नियुक्त चीन की राजदूत कोशिश कर रही हैं, ऐसीं ख़बरें प्राप्त हो रही हैं। चीन की राजदूत होउ यांकी पिछले तीन दिनों से, नेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बैठकें कर रही हैं। चीन की यह बढ़ती दखलअंदाज़ी नेपाल के विपक्ष और जनता को मंजूर नहीं है। इसका निषेध दर्ज़ करने के लिए यहाँ के चीन के दूतावास के बाहर प्रदर्शन हुए। वहीं, नेपाल के नये नक्शे पर ऐतराज़ जतानेवालीं नेपाल की सांसद सरिता गिरी ने, यदि हम समय पर सतर्क नहीं हुए, तो नेपाल का नॉर्थ कोरिया होगा, यह चेतावनी नेपाल के शासकों को दी है।

China-Nepal-Protestनेपाल में शासक कम्युनिस्ट पार्टी में दरार बनी है। प्रधानमंत्री ओली के बेतुके प्रशासन पर कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता नाराज़ हैं और उनके इस्तीफ़े की माँग कर रहे हैं। लेकिन, कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की जिस बैठक में ओली के इस्तीफ़े पर निर्णय होनेवाला था, वह बैठक ही शनिवार से तीन बार स्थगित की गई है। इस बैठक के समय में लगातार बदलाव होने के पीछे, नेपाल में नियुक्त चीन की राजदूत होउ यांकी होने की बात कही जा रही है। राजदूत यांकी ने पिछले तीन दिनों में, ओली के विरोध में मोरचा खोलनेवाले पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल (प्रचंड), माधव कुमार नेपाल, झाला नाथ खानल जैसें नेताओं से मुलाकातें कीं हैं।

तीन महीने पहले भी ओली पर इस्तीफ़ा देने के लिए दबाव बढ़ा था। उस समय भी इसी तरह से, चिनी दूतावास से गतिविधियाँ हुईं थीं। राजदूत होउ यांकी सक्रिय हुईं थीं। इसके कुछ ही दिन बाद, नेपाल के प्रधानमंत्री ने भारत के साथ सीमा विवाद खड़ा किया था। अब भी चीन की राजदूत सक्रिय हुई दिखाई दे रहीं हैं। फिलहाल ओली के सामने खड़ा हुआ संकट दूर करने के लिए होउ यांकी जिस तरीके से सक्रिय हुई हैं, उसकी नेपाल के माध्यमों में भी चर्चा होने लगी हैं। साथ ही, विपक्षी दल भी इसकी आलोचना कर रहे हैं।

मंगलवार के दिन चीन की राजदूत होउ यांकी के विरोध में, नेपालस्थित चीन के दूतावास के बाहर सैकड़ों की संख्या में पहुँची भीड़ ने प्रदर्शन किए। इन प्रदर्शनों में विपक्ष की नेपाली काँग्रेस के छात्र संगठन के सदस्य भी शामिल हुए थे। ये प्रदर्शन करते समय इन प्रदर्शनकारी छात्रों ने, हाथ में चीनविरोधी संदेश देनेवाले बैनर भी पकड़े थे। ‘चिनी राजदूत अपने दूतावास में ही रूकें’, ‘गो बैक चायना’, ‘नो इंटरफेरन्स’ ऐसें संदेश इन बैनरों पर लिखे थे। साथ ही, कुछ प्रदर्शनकारियों ने होउ यांकी के फोटो पर काट लगाए बैनर दिखाकर अपना विरोध जताया।

China-Nepal-Protestशासक पार्टी के अंदरूनी मामलों में विदेश के अधिकारी ने दखलअंदाज़ी करने की बात नेपाल के विपक्षी दलों को मंजूर नहीं है। चिनी राजदूत की नेपाल की अंदरूनी राजनीति में चल रही दखलअंदाज़ी देखकर ही नेपाल के विपक्षी नेताओं ने कड़े शब्दों में आलोचना की है। साथ ही, ओली सरकार की अपरिपक्व विदेश नीति की आलोचना करके, इससे पड़ोसी देशों के संबंधों पर असर होने का बयान किया है।

इसी बीच, मंगलवार के दिन नेपाल की समाजवादी पार्टी ने, उनकी पार्टी की सांसद सरिता गिरी को पार्टी और पद से हटाया था। साथ ही, उनकी संसद की सदस्यता भी रद कर दी गई थी। कुछ दिन पहले, नेपाल की संसद में भारत के क्षेत्र को नेपाल का हिस्सा दिखानेवाला नया नक्शा संसद में पारित हो रहा था; तभी गिरी ने इस पर विरोध जताया था। नेपाल के हाथ में किसी भी तरह के ऐतिहासिक सबूत नहीं हैं, यह बात उन्होंने नेपाल की संसद में रखी थी। बुधवार के दिन एक समाचार चैनल को दी हुई मुलाकात के दौरान, नेपाल में चीन की दखलअंदाज़ी पर उन्होंने जो लगातार सवाल उठाये, उसके कारण ही उनके विरोध में यह कार्रवाई होने की बात गिरी ने कही थी। साथ ही, नेपाल यदि समय पर सतर्क नहीं हुआ, तो नेपाल को दूसरा उत्तर कोरिया बनाने की चीन की साज़िश कामयाब होगी, यह ड़र भी उन्होंने व्यक्त किया था।

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