‘पीओके’ में चीन की ‘मिसाइल’ तैनाती – चीनी सैनिकों को पाकिस्तान दे रहा है पहाड़ी युद्ध का प्रशिक्षण

नई दिल्ली – लद्दाख की गलवान वैली और पैन्गॉन्ग त्सो के मोर्चे पर भारतीय सैनिकों के सामने कलंकित होने के बाद हताश हुए चीन ने पाकिस्तान का इस्तेमाल करके भारत के विरोध में मोर्चा खोलने की तैयारी की हुई दिखाई दे रही है। चीन की ‘पिपल्स लिब्रेशन आर्मी’ (पीएलए) के सैनिकों ने ‘पीओके’ में कम से कम दो से तीन ज़गहों पर मिसाइल तैनात करना शुरू किया है। इसके साथ ही यहां के कुछ इलाकों में पाकिस्तानी और ‘पीएलए’ के सैनिकों ने संयुक्त गश्‍त करने की जानकारी भारतीय गुप्तचर यंत्रणा ने साझा की। वहीं पर्वतीय क्षेत्र के युद्ध में बड़ी काबिलियत वाले भारतीय सैनिकों का मुकाबला करने के लिए ‘पीएलए’ ने भाड़े के सैनिकों के तौर पर पाकिस्तानी सैनिकों को ही आगे किया है, यह बात चीनी पत्रकारों ने जारी किए वीडियो से स्पष्ट हुई है।

china-missile‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) के तहत चीन ने ‘पीओके’ और गिलगित-बाल्टिस्तान के क्षेत्र में बड़ी मात्रा में हाथ-पैर फैलाना शुरू किया है। इस प्रकल्प के तहत चीन ने ‘पीओके’ में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण शुरू किया है और इसमें पाकिस्तानी सैनिक और कान्ट्रैक्ट कामगारों के साथ ही चीनी सैनिक भी तैनात होने की बात पहले ही सामने आयी थी। अब यही चीनी सैनिक पाकिस्तानी सेना के साथ ‘पीओके’ में ज़मीन से हवा में हमला करनेवाले मिसाइलों की तैनाती करने में जुटे होने की बात सामने आयी है। ‘पीओके’ के लसादाना धोक में स्थित ‘पाउली पिर’ एवं ‘हातियान बाला’ ज़िले के ‘चिनार’ और ‘चाकोती’ गांवों में चीन ने मिसाइल तैनाती के लिए निर्माण कार्य शुरू किया है।

इस निर्माण कार्य में १२० पाकिस्तानी सैनिक जुटे हैं और पाउली पिर के कंट्रोल रूम का नियंत्रण ‘पीएलए’ के दस सैनिकों के हाथों में रहेगा। इनमें तीन वरिष्ठ अधिकारियों का समावेश होने की बात गप्तचर यंत्रणा की रपट से सामने आयी है। चिनार और चाकोती में तैनाती करने के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। इसी बीच ‘पीओके’ के देओलिया जूरा क्षेत्र में पाकिस्तानी और पीएलए के सैनिक संयुक्त गश्‍त करने की बात गुप्तचर यंत्रणा की रपट में दर्ज़ है। पाकिस्तानी सेना की ‘१२ इंफंट्री ब्रिगेड़’ के सैनिक इस गश्‍त में शामिल होने की जानकारी भारतीय गुप्तचर यंत्रणा को प्राप्त हुई है। कुछ सप्ताह पहले चीन का लष्करी कार्गो विमान गिलगित-बाल्टिस्तान के स्कार्डू हवाई अड्डे पर उतरा था।

china-missile‘पीओके’ में इस लष्करी तैनाती के साथ चीन ने लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर युद्ध के लिए भी पाकिस्तानी सैनिकों का इस्तेमाल शुरू करने की बात स्पष्ट हुई है। बीते सप्ताह में चीन के सरकारी मुखपत्र के एक पत्रकार ने ‘पीएलए’ का वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट किया था। इसमें ‘पीएलए’ के सैनिक गलवान की घाटी में तैनात होने का दावा करके यह सैनिक चीन का राष्ट्रगान गाते हुए दिखाए गए थे। ५२ सेकंड के इस वीडियो के पांचवे सेकंड पर भी चीनी सेना की वर्दी में पाकिस्तानी सैनिक तैनात होने की बात स्पष्ट हुई थी। चीनी सैनिकों से भी अलग शरीर रचना वाला पाकिस्तान का सैनिक होने की बात पर कई लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से ध्यान आकर्षित किया था।

एक दिन पहले भारत के वायुसेना प्रमुख ने चीन और पाकिस्तान के मोर्चों पर एकसाथ युद्ध करने के लिए भारतीय वायुसेना तैयार होने का इशारा दिया था। इसके पीछे चीन और पाकिस्तान ने हाथ मिलाने का कारण होने की बात स्पष्ट हो रही है। पाकिस्तानी विश्‍लेषक भी भारत और चीन के बीच युद्ध शुरू होने पर पाकिस्तान यकिनन चीन के पक्ष में युद्ध में उतरेगा, यह ऐलान भी कर रहे थे। इस पृष्ठभूमि पर भारत ने चीन और पाकिस्तान का एक ही समय पर एकसाथ मुकाबला करने की अपनी पूरी तैयारी होने का संदेश दिया।

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