चीन व्यापार का इस्तेमाल हथियार की तरह कर रहा है – ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट का इशारा

लंदन/कैनबेरा/बीजिंग – चीन व्यापार का सामरिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है, ऐसा इशारा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने दिया। चीन रणनीतिक नज़रिये से बड़ा अहम स्पर्धक है और ‘सोवियत युनियन’ से भी अधिक घातक होने का इशारा एबॉट ने दिया। ब्रिटेन ने एबॉट को विशेष व्यापार सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया है और ब्रिटेन एवं सहयोगी देश व्यापार के मुद्दे पर चीन से सावधानी बरतें, यह सलाह भी उन्होंने दी है।

व्यापार का इस्तेमालटोनी एबॉट वर्ष २०१३ से २०१५ इन दो वर्ष में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री रहे हैं। इसी दौर में ऑस्ट्रेलिया और चीन ने व्यापारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस व्यापारी समझौते का चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए करने की बात कुछ देर बाद सामने आयी थी। इसी व्यापारी प्रभाव का इस्तेमाल करके चीन फिलहाल ऑस्ट्रेलिया को धमकाने की और दबाव ड़ालने की कोशिश कर रहा है। इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री एबॉट का इशारा ध्यान आकर्षित करता है।

‘पानी का नल खोलने या बंद करने की तरह चीन व्यापार का सामरिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। चीन के भू-राजनीतिक हितों का साथ देने से इन्कार करने से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ व्यापार युद्ध शुरू किया गया है। इसी व्यापार युद्ध के तहत ऑस्ट्रेलिया के उत्पादनों पर कर लगाकर सज़ा दी जा रही है’, ऐसा इशारा एबॉट ने दिया। चीन काफी आक्रामकता से अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और यह नए शीतयुद्ध का ही हिस्सा होने की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। मौजूदा दौर में हम ऑस्ट्रेलिया के नेतापद संभालते होते तो चीन के साथ व्यापारी समझौता करने का विचार भी नहीं किया होता, ऐसा बयान भी पूर्व प्रधानमंत्री एबॉट ने किया।

व्यापार का इस्तेमालब्रिटेन के एक अभ्यासगुट के कार्यक्रम में बोलते समय एबॉट ने ब्रिटेन और सहयोगी देशों को भी चीन के व्यापारी हरकतों को लेकर सावधानी बरतने का इशारा दिया। ब्रिटेन और सहयोगी देश चीन को प्रगत तकनीक की बिक्री ना करें, यह इशारा भी उन्होंने इस दौरान दिया। चीन की एक कंपनी ने ब्रिटेन की ‘कॉम्प्युटर चिप फर्म’ खरीदी है। ऑस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं हुआ होता, यह दावा एबॉट ने इस दौरान किया। ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया साथ मिलकर ‘सप्लाई चेन’ का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए गतिविधियाँ करें, ऐसी सलाह भी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने इस दौरान दी।

ब्रिटीश अभ्यासगुट के इस कार्यक्रम में ब्रिटेन की व्यापारमंत्री लिज़ ट्रुस भी उपस्थित थीं। उन्होंन भी एबोट के बयान का समर्थन किया और ब्रिटेन एवं सहयोगी देशों ने चीन की व्यापारी हरकतों को चुनौती देनी चाहिए, ऐसा कहा। बीते कुछ वर्षों में ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया दोनों के साथ चीन के संबध काफी बिगड़ चुके हैं। ‘५ जी’ तकनीक, कोरोना की महामारी, साउथ चायना सी, ताइवान, हाँगकाँग जैसे कई मुद्दों पर चीन और इन दोनों देशों के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री एबॉट की ब्रिटेन में बतौर सलाहकार नियुक्ती और उनके द्वारा दिया गया इशारा ध्यान आकर्षित करता है।

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