चीन ने अमरिका के साथ सुरक्षा विषयक बैठक रद्द की

व्यापार युद्ध और साउथ चाइना सी के तनाव की पृष्ठभूमि पर

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बीजिंग/वॉशिंगटन – अमरिका और चीन के बीच भडके व्यापार युद्ध का परिवर्तन युद्ध में हो सकता है,ऐसी चेतावनी ब्रिटन के विश्लेषक प्राध्यापक फ्रांसेस्को मॉस्कोन ने दी थी।यह चेतावनी वास्तव में उतरती दिखाई दे रही है। ‘साउथ चाइना सी’ के पास वाले इलाके में अमरीकी  विध्वंसकों की गश्त शुरू हो चुकी है। चीन हाइपरसॉनिक मिसाइलों का परिक्षण करके अपनी युद्ध सज्जता का प्रदर्शन कर रहा है। दोनों देशों के बीच तनाव इस परिस्थिति में पहुँच गया है, ऐसे में चीन ने अमरिका के साथ की उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक रद्द कर डाली है।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कुछ महीनों पहले चीन के साथ खुलकर व्यापार युद्ध की घोषणा की थी।इस व्यापार युद्ध के अंतर्गत राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने चीन की २५० अरब डॉलर्स की आयात पर प्रतिबन्ध लगाए हैं।चीन ने उसे प्रत्युत्तर दिया है, लेकिन अमरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध से सर्वाधिक नुकसान चीन को हो रहा है, यह बात सामने आ रही है।चीन की तरफ से अपेक्षित सहकार्य मिले बिना व्यापार युद्ध ख़त्म नहीं होने वाला है, ऐसी चेतावनी भी अमरिकी नेताओं ने दी है।इस वजह से चीन के पास कोई भी विकल्प बाकि नहीं रहा है और राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग असफल साबित होने की आलोचना धीरे धीरे तीव्र होती जा रही है।

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एक तरफ व्यापार युद्ध छेड़ते हुए दूसरी तरफ अमरिका ने साउथ चाइना सी में `चीन के खिलाफ अधिकाधिक आक्रामक भूमिका लेना शुरू किया है।अमरिका के विमान वाहक युद्धपोत और विध्वंसकों की साउथ चाइना सी में गतिविधियाँ बढ़ गई हैं और उसके लिया अमरिका की तरफ से ‘फ्रीडम ऑफ़ नेविगेशन’ का कारण बताया गया है।उसी समय अमरिका के प्रगत ‘बी-५२ बॉम्बर’ यह परमाणु वाहक लड़ाकू विमान लगातार आशिया-पसिफ़िक क्षेत्र में मंडरा रहे हैं।

इस मुद्दे पर चीन ने की आलोचना दी चेतावनियों की तरफ अमरिका ने खुलकर नजरअंदाज किया है।उसी समय चीन के विरोधी देशों को अधिकाधिक रक्षा सहायता की आपूर्ति करके उनका मोर्चा बनाने पर अमरिका ने जोर दिया है।इस मोर्चे में शामिल जापान, फ्रेंच और ब्रिटन के युद्धपोतों ने भी साउथ चाइना सी क्षेत्र से यात्रा करके चीन पर खुलकर दबाव डालना शुरू किया है।

व्यापार और सार्वभौमत्व इन दोनों मुद्दों पर अमरिका की तरफ से लगातार मिल रही चुनौतियों की वजह से चीन अधिकाधिक भड़क रहा है और अमरिका के साथ तनाव शिखर तक पहुँच गया है।उच्चस्तरीय सुरक्षा विषयक बैठक रद्द करने का चीन का निर्णय यह इस बढ़ते तनाव का परिणाम माना जा रहा है।बैठक रद्द होने की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव बंद होने के रास्ते बंद हो गए हैं और संघर्ष की संभावना अधिक बढ़ गई है।

पिछले महीने में ही चीन के पास साउथ चाइना सी पर नियंत्रण पाने की पूरी क्षमता है और उसे रोकने के लिए युद्ध यही एकमात्र विकल्प अमरिका के सामने है, ऐसी चेतावनी अमरिका के ‘इंडो-पसिफ़िक कमांड’ के प्रमुख एडमिरल फिलिप डेविडसन ने दी थी। यह चेतावनी और ब्रिटिश विश्लेषक ने किया हुआ दावा ध्यान में रखा जाए तो आने वाले समय में एशिया पसिफिक क्षेत्र में अमरिका और चीन के बीच संघर्ष भड़कने की संभावना अधिक बढ़ गई है।

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